खेती किसानी के कार्य में सहयोग कर श्रम की महत्ता का व्यवहारिक संदेश दे रहे रासेयो स्वयंसेवक
सुखदेव कैवर्त
कोरबा (बरपाली )। राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य समाज सेवा के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास है। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से सम्बद्ध शासकीय महाविद्यालय बरपाली आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। जहाँ पच्चानबे प्रतिशत अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उनमें से अधिकांश विद्यार्थियों का परिवार खेती किसानी के कार्यों पर जीविकोपार्जन के लिए आश्रित है। ऐसे विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ कृषि के समस्त कार्यों को अपने हाथों से करते हैं। अभी वे राष्ट्रीय सेवा योजना में सीखे गये श्रम की महत्ता का उपयोग धान कटाई, काटने के बाद फसल को खेत से खलिहान तक लाने एवं धान की मिंजाई के कार्यों में अपने परिवार को सहयोग दे रहे हैं।
इतना ही नहीं ये स्वयंसेवक अपने खेत में कार्य करने के साथ – साथ जरूरत मंद किसानों को भी सहयोग करते हैं। सुमन कुमार बीए अंतिम ग्राम कमरीद ने बताया कि धान काटने के लिए मजदूरों का अभाव और मिलने पर अत्यधिक मजदूरी माँगने के कारण वे अपनी फसल की कटाई स्वयं करते हैं। कृषि का समस्त कार्य वे स्वयं करते हैं। वरिष्ठ स्वयंसेवक दिलीप दिलीप कश्यप ग्राम संडैल ने बताया कि उनका खेत जंगल साइड पड़ता है, जहाँ खेत में गाड़ा या ट्रेक्टर जाने में दिक्कत होती है, तो वे धान के फसल की ढुलाई ‘सुर’ से कंधे में उठाकर करते हैं। वरिष्ठ स्वयंसेवक नंदिनी खांडे ग्राम पकरिया ने बताया कि वे खेती के समस्त कार्य को करने के साथ-साथ ‘काशी’ और ‘शुक्ला’ घास से झाड़ू निर्माण का कार्य भी करती है, और उन्हें साल भर घर की सफाई के लिए झाड़ू खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ती। साथ ही अपने रिश्तेदारों को भी देती हैं। कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवदयाल पटेल से पूछने पर उन्होंने बताया कि वे बचपन से ही खेती किसानी और बाड़ी में सब्जी उत्पादन का कार्य करते रहे हैं, परन्तु अब अध्ययन-अध्यापन और राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यों में ब्यस्त होने के कारण कम समय निकाल पाते हैं, फिर भी समय निकालकर फसल कटाई और मिंजाई के कार्य में सहयोग करते हैं। राज्य एन एस एस अधिकारी डॉ समरेंद्र सिंह, विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा, प्राचार्य डॉ अम्बिका प्रसाद वर्मा, कार्यक्रम अधिकारी महिला इकाई डॉ रंजना नाथ, कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवदयाल पटेल द्वारा सतत प्रेरणा की बात स्वयंसेवकों ने स्वीकार की।