उसना मिल से हो रहा प्रदूषण, ग्रामीणों की मांग- फैक्ट्री हो बंद

कोरबा 21 जनवरी। जिले के ग्राम पंचायत ढपढप के आश्रित ग्राम कसरेंगा में स्थित एक चावल उसना मिल (फैक्ट्री) से क्षेत्रीय लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह मिल, जिसे आशीष बंसल और हिमांशु बंसल द्वारा संचालित किया जा रहा है, दिन-रात लगातार 24 घंटे कार्यरत है। इसके कारण गांव में पर्यावरण प्रदूषण गंभीर रूप से बढ़ गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं और केमिकल युक्त अपशिष्ट खेतों को बर्बाद कर रहा है। इससे न केवल फसलें प्रभावित हो रही हैं, बल्कि तालाब, नदी, गली और अन्य जलस्रोत भी प्रदूषित हो रहे हैं। गाँव के मवेशी इस प्रदूषित पानी को पीकर बीमार हो रहे हैं और कई मामलों में उनकी मृत्यु भी हो चुकी है।

स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि ग्रामीणों के घरों के पास स्थित कुओं का पानी भी पूरी तरह काला और प्रदूषित हो चुका है। पीने योग्य स्वच्छ पानी न मिलने के कारण ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।गांववासियों ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री के चलते उनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि इस उसना मिल (फैक्ट्री) को पूरी तरह से बंद कराया जाए और इसके मालिकों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अगर इस मामले में जल्द कदम नहीं उठाता है तो वे सामूहिक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि यह मुद्दा केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि उनके जीवन और भविष्य से जुड़ा है। अब देखना यह है कि प्रशासन ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या का समाधान कब और कैसे करता है।

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