आधी आबादी तय करेगी दिल्ली का भविष्य

नई दिल्ली 21 जनवरी। दिल्ली के विधानसभा चुनावमें इस बार आधी आबादी की भूमिका निर्णायक होगी। इस चुनाव में महिलाएं दिल्ली का भविष्य तय करेंगी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में सोमवार को नाम वापसी की आखिरी तारीख बीत जाने के बाद अब चुनाव मैदान की तस्वीर साफ हो गई है। प्रदेश की 70 सीटों पर 719 उम्मीदवार मैदान में हैं। बड़ा सवाल यही है कि पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी आप व भाजपा में सीधी टक्कर होगी या फिर कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में सफल होगी? दूसरा सवाल है कि कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रहे बसपा व एआईएमआईएम किसे नुकसान पहुंचाएंगे? माना जा रहा है कि चुनाव परिणाम की दिशा तय करने में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका होगी, इसलिए प्रमुख दलों का जोर महिलाओं का समर्थन हासिल करने पर है। आगामी पांच फरवरी को 1.55 करोड़ वोटर नई सरकार के लिए मतदान करेंगे।

भाजपा और कांग्रेस के लिए अब तक हुए सात में से एक भी चुनाव जीत नहीं पाई है। 2013 में भले ही सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन सत्ता से दूर रही। दिल्ली में लगातार 15 साल सत्ता में रही कांग्रेस पिछले दो चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी। भाजपा के सामने सत्ता का सूखा खत्म करने तो कांग्रेस के सामने खोई जमीन पाने की चुनौती है। दिग्गज नेता अरविंद केजरीवाल के सामने पिछले दो चुनावों में आप की जबरदस्त जीत का सिलसिला बरकरार रखने की चुनौती है।

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