ग्यास अहमद और पी. आर. मिश्रा की सर परस्ती में बेतहाशा अनियमितता की है- वी. आई. पी. बाबू सिकदर ने
कोरबा 29 अक्टूबर। नगर पालिक निगम कोरबा में जान बूझकर गलत आशय पत्र जारी कराने के आरोप में निलंबित सहायक ग्रेड-03 प्रदीप कुमार सिकदर को वी.आई.पी.बाबू कहा जा सकता है। कारण है, अधीक्षण अभियंता ग्यास अहमद और पूर्व एकाउन्ट आफिसर पी. आर. मिश्रा के कथित संरक्षण में निगम के सभी जोन के बड़े निर्माण कार्यों में उसकी भूमिका।
नगर निगम के वी.आई.पी. बाबू के निलंबित होने के बाद छनकर बाहर आ रही खबरों से इसका खुलासा हुआ है। निगम के सूत्रों के अनुसार सहायक ग्रेड-03 प्रदीप कुमार सिकदर ग्यास अहमद और पी. आर. मिश्रा का लम्बे समय से खासमखास और विश्वास पात्र रहा है। इसी वजह से बड़े निर्माण कार्य, चाहे वह किसी भी जोन से संबंधित हों उसकी फाईल वी.आई.पी.बाबू ही डील करता था। नगर निगम में कुल आठ जोन हैं। सभी जोन की जिम्मेदारी अलग-अलग कार्य- पालन अभियंताओं के पास है। सभी जोन में क्लर्क की भी अलग- अलग जिम्मेदारी है। लेकिन जोन कोई भी हो, बड़ी राशि का कार्य और जिसमें बड़ा भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की जाती रही हैं, उन सबकी फाईल इसी वी.आई.पी.बाबू के हाथों तैयार किये जाते थे। पिछले पांच-छः वर्षों के बड़े कार्यों की जांच कराने पर कई गंभीर अनियमितताओं के साथ ही करोड़ों के फर्जीबाड़ा का भी खुलासा होने का दावा सूत्रों ने किया है।
सूत्रों के अनुसार नगर निगम में ग्यास अहमद और पी. आर. मिश्रा सहित कुछ अन्य अधिकारी लम्बे समय से माफिया राज चलाते रहे हैं। यहां तक कि कई फाईलें भी इनके इशारे पर गायब कर दी जाती रहीं है। ऐसी फाईल वी.आई.पी.बाबू के कब्जे में रहती थी और संबंधित जोन के कर्मचारी प्रताड़ना का शिकार होते रहे है। वी.आई.पी.बाबू का टेबल बदलने पर वह नये कर्मचारी को चार्ज देने में भी आनाकानी करता था जिसकी लिखित शिकायत भी हुई थी। बावजूद इसके वी.आई.पी.बाबू का कभी कुछ नहीं बिगड़ा। वी. आई. पी. बाबू खुद को राजस्व मंत्री का खासमखास भी प्रचारित करता है। पहली बार ऐसा हुआ है, जब नगर निगम के किसी अधिकारी ने निलंबन की कार्रवाई उसके खिलाफ की है।