जब भी होती है वारदात तीसरी आंख रहती है बंद

न्यूज एक्शन। ऊर्जाधानी कोरबा में जब भी कोई बड़ी वारदात हुई है। अधिकांश मामलों में चौक चौराहो पर निगरानी के लिए लगी सीसीटीवी कैमरा बंद ही रहा है। अपराधी वारदात को अंजाम देकर भाग निकलते है और पुलिस सुराग तलाशने खाक छानती है क्योंकि चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरा से पुलिस को फुटेज नहीं मिल पाता। इसके जिम्मेदारों पर कभी भी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई है। जबकि सीसीटीवी कैमरा का काम देखने वाले ठेका कंपनी पर इसकी जिम्मेदारी होती है। शहर में विज्ञापन के लिए खंभे लगाए गए है। इन खंभों में विज्ञापन बोर्ड की कमाई करने वाले संबंधित कंपनी को ही सीसीटीवी लगाने व उसके मेंटनेस का काम देखना है। सीसीटीवी कैमरा 365 दिन 24 घंटे चालू हालत में होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता। कंपनी अपनी मनमर्जी चलाती रही है। बात चाहे सीसीटीवी कैमरा के गुणवत्ता की हो या फिर इसके संचालन की हो हर मामले में ठेका कंपनी की लापरवाही उजागर होती रही है। इसके बाद भी पुलिस , नगर निगम और प्रशासन संबंधित कंपनी पर सख्ती नहीं बरतता । वारदात होने के दौरान सीसीटीवी कैमरा बंद रहने पर इसकी जिम्मेदारी कंपनी पर निहित करते हुए दंड व जुर्माना का प्रावधान लाया जाए तो शायद स्थिति सुधर सकती है।

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