डी. एम. एफ. योजना राशि में हेराफेरीः बाला साप्ताहिक बाजार में सेड निर्माण का कार्य अधूरा

कोरबा 07 नवम्बर। पोंडी उपरोड़ा विकास खंड के ग्राम पंचायत सलिहाभाठा का आश्रित गांव बाला के सप्ताहिक बाजार मे सेड निर्माण के लिए जिला खनिज न्यास मद से 2021-22 मे ही 9 लाख 99 हजार कि राशि स्वीकृति कि गई लेकिन किस्त तों निकाल ली गई काम अधूरा छोड़ गए जानकारी जुटाने के लिए सरपंच से बात कि गई उनके द्वारा बताया गया कि सेड निर्माण मे पहली किस्त ही आहरण हुई है, इसलिए कार्य अधूरा है।

वही ग्रामीणों ने बताया कि सेड निर्माण के लिए पूर्व मे ही राशि कि हेराफेरी कि गई है इसलिए आज तक बाला सप्ताहिक बाजार का सेड नहीं बन पाया, वही प्रति सप्ताह साफ सफाई के लिए कर वशुली भी कि जाती है लेकिन हालात बत से बत्तर है वही कर वशुली का भी हिसाब किताब का अता पता नहीं, कुल मिलाकर सलिहा भाठा पंचायत प्रतिनिधि के कार्यकाल मे हुए विकास के दावे फेल होते नजर आ रहे। वही अगर बात करे मुलभुत व 15वे वित मे कार्य कि तों महज कागजो पर दर्शा कर लीपापोती कर दी गई जिसकी जांच कि जाए तों और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

बाजार मे व्यापारीयों कि सुविधा के लिए बनाये जा रहा सेड कों लेकर ग्राम पंचायत सरपंच गंभीर नहीं है वही बाजार मे प्रति सप्ताह कर वशुली करके राशि का भी कोई हिसाब किताब नहीं, दरसल ऑफ लाइन होने के कारण डीएमएफ योजना मे राशि कि सबसे अधिक बंदरबाट कि जाती है जिला खनीज न्यास मद मे जारी राशि के कार्य दूर के ढोल सुहावने के समान प्रतीत होता है, क्युकी लाखों कि राशि स्वीकृति तों कर दी जाती है लेकिन इसके जमीनी कार्य कोसो दूर हैं, यु कहे तों डीएमएफ योजना मे पंचायत समेत शाखा प्रभारी के कार्य भी संदेहास्पद हैं।

शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत को ग्राम विकास के उद्देश्य से मूलभुत एवं बुनियादी सुविधाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाती है! लेकिन अगर धरातल पर बिना काम किये ही अथवा आधेअधूरे कार्य के एवज में केवल कागजों में कार्य पूर्ण दर्शाकर संपूर्ण राशि आहरित कर ली जाये तो शासन प्रशासन किसी भी ग्राम पंचायत को लाखो रुपये आबंटित कर दे, उस ग्राम पंचायत का कदापि भला नहीं हो सकता। पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के अधिकतर पंचायत का यही हाल है।

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