सूर्य उपासना महापर्व छठ पूजा कलः प्रथम दिवस होगा नहाय खाय का कार्यक्रम

कोरबा 04 नवम्बर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा कल से प्रारंभ हो रहा है इसकी सभी तैयारियां पूर्वाचंल वासियों द्वारा ली गई है। ऊर्जा नगरी कोरबा तथा आसपास के उपनगरों में स्थित छट घाटो की साफ-सफाई करने के साथ वहां छट व्रतियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए है। प्रथम दिवस नहाय-खाय का कार्यक्रम होगा इसके साथ ही महापर्व की शुरूआत हो जाएगी।

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक छठ पूजा मनाई जाती है। इस पर्व के दौरान भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना और अर्घ्य देने का विधान है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं विधिपूर्वक करती हैं। साथ ही पुरुष भी जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए भगवान सूर्य देव की उपासना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से जातक को सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन खुशहाल होता है। पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के पर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। वहीं, इस त्योहार का समापन सप्तमी तिथि पर होता है। ऐसे में छठ महापर्व 05 नवंबर से लेकर 08 नवंबर तक मनाया जाएगा।

छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय किया जाता है। इस दिन स्नान और भोजन करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, इस बार 05 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा। छठ पूजा का दूसरा दिन खरना पूजा होगी। इस दिन महिलाएं नए मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाती हैं। इसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। इस दिन पूजा के बाद व्रत की शुरुआत होती है। इस बार खरना पूजा 06 नवंबर को है।

इसके अगले दिन यानी तीसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार 07 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण किया जाता है। इस पर्व का समापन 08 नवंबर को है। छठ पूजा के शुभ अवसर पर सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा, प्रत्युषा की विधिपूर्वक उपासना करने का विधान है। मान्यता है कि पूजा करने से जातक को छठी मैया की कृपा प्राप्त होती है।

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