प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का 27 अक्टूबर को घेराव करने का निर्णय
रायपुर 24 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्रा ने बताया कि वन विभाग में पिछले कई वर्षाें से कार्यरत जाॅबदर कर्मचारियों यथा डाटा एन्ट्री आपरेटर, सहायक प्रोगामर तथा प्रोग्रामरों ने वर्ष 2016 के बाद से आज पर्यन्त जाॅब दर में वृद्धि न किये जाने से आक्रोशित होकर आगामी मंगलवार 27 अक्टूबर 2020 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव करने का निर्णय लिया है।
छ.ग. संयुक्त प्रगतिशील महासंघ के संरक्षक ने बताया कि वन विभाग में पिछले कई वर्षाें से अनियमित कर्मचारियों जैसे डाटा एन्ट्री आपरेटर, सहायक प्रोगामर तथा प्रोग्रामरों को जाॅबदर के माध्यम से वेतन दिया जा रहा है।
वन विभाग में प्रतिवर्ष क्षेत्रिय मुख्य वन संरक्षक द्वारा 03 वन मंडलाधिकारियों की समिति बनाकर विभाग में कार्यरत सभी अनियमित कर्मचारियों को जाॅब दर निर्धारण किया जाता है यह दर महंगाई व कार्य के स्वरूप के आधार पर तय किया जाता है जो कि प्रतिवर्ष बढ़ाई जाती है।
महासंघ के महासचिव राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि शासन स्तर पर भी जाॅब दर वृद्धि हेतु वर्ष 2016 व 2017 मंे प्रशासनिक स्वीकृति भी ली जा चुकी है तथा शासन द्वारा लेख किया है कि समान कार्य-समान वेतन की तर्ज पर प्रतिवर्ष जाॅबदर में वृद्धि की जानी चाहिए किन्तु 2016 में अंतिम बार जाॅबदर वृद्धि की गई पश्चात् लगभग 5 वर्ष से जाॅबदर में वृद्धि नहीं की गई है, इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
जाॅबदर में वृद्धि हेतु कई बार अधिकारियों से आवेदन व निवदेन किया गया लेकिन उनके द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया इस पर जाॅब दर कर्मचारियों ने 20 अक्टूबर को मुख्यालय में अर्जेन्ट बैठक कर घेराव का निर्णय लिया तथा कहा कि जब हर कर्मचारी को प्रतिवर्ष महंगाई वृद्धि होने पर वेतन में बढ़ोतरी की जाती है तो पांच वर्ष तक जाॅब दर वृद्धि नहीं किया जाना घोर अन्याय है,
जाॅब दर कर्मचारियों का कहना है कि वे 26 अक्टूबर तक काली पट्टी लगाकर विभागीय कार्य करेंगे तथा यदि 26 अक्टूबर तक जाॅबदर में वृद्धि नहीं की जाती है उग्र आंदोलन करते हुए छ. ग. में समस्त जाॅबदर कर्मचारियों द्वारा 27 अक्टूबर 2020 को नवा रायपुर स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय का घेराव किया जायेगा।