नारनौंद सीट से हार गए कैप्टन अभिमन्यु, कोरबा से है खास रिश्ता

चंडीगढ़ 10 अक्टूबर। हरियाणा विधानसभा चुनावों में नारनौंद सीट पर बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु को एक बार फिर बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. इस चुनाव में कांग्रेस के जस्सी पेटरवार चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने कैप्टन को साढ़े 12 हजार से भी अधिक वोटों से शिकस्त दी है. इस चुनाव में इनेलो और जजपा ने भी जोर आजमाइश की, लेकिन इनकी जमानत भी नहीं बची.

12 हजार वोटों से हार गए कैप्टन

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से एक नारनौंद में बीजेपी के जस्सी पेटरवार ने बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने 12 हजार 578 वोटों के अंतर से पूर्व मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता कैप्टन अभिमन्यु को शिकस्त दी है. कैप्टन अभिमन्यु इसी सीट से साल 2019 में भी बुरी हार का सामना कर चुके हैं. इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उन्होंने पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो वह पहले ही राउंड से दूसरे स्थान से आगे नहीं बढ़ सके.

इस सीट पर मुकाबले को रोमांचक बनाने के लिए इनेलो ने उमेद सिंह लोहान को उम्मीदवार बनाया था. वहीं जजपा ने भी योगेश गौतम को टिकट दिया. इसी प्रकार आम आदमी पार्टी के टिकट पर रणबीर सिंह लोहान मैदान में उतरे. हालांकि यह तीनों ही नेता जीत की दौड़ में थोड़ी देर भी नहीं टिक सके. चुनावी मुकाबले में भी शुरू से आखिर तक मुकाबला जस्सी पेटरवार और कैप्टन अभिमन्यु के बीच ही रहा.

2014 में जीते थे कैप्टन अभिमन्यु

साल 2009 में इनेलो के टिकट पर सरोज और 2014 में बीजेपी के टिकट पर कैप्टन अभिमन्यु यहां से विधायक चुने गए. इसी प्रकार साल 2019 में यह सीट जेजेपी के रामकुमार गौतम चुनाव जीते थे. इनेलो के विशेष प्रभाव वाली इस विधानसभा सीट पर 2014 और 2019 के चुनाव में पार्टी की पकड़ कमजोर पड़ गई थी. 2019 के चुनावों में इस पार्टी के उम्मीदवार महज 4500 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे थे. इसी प्रकार 2014 में इनेलो के उम्मीदवार 48 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. इससे पहले हुए लगभग सभी चुनावों में इनेलो के उम्मीदवार मुख्य लड़ाई में रहते रहे हैं.

कौन हैं कैप्टन अभिमन्यु

पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद सीट से 2019 में हुई अपनी हार का हिसाब-किताब चुकता करने के लिए मैदान में उतरे थे, लेकिन लगातार दूसरी बार उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा है। कैप्टन हरियाणा भाजपा के जुझारू नेताओं और जाट चेहरों में प्रमुख माने जाते हैं. सेना में सात साल तक सेवा करने वाले कैप्टन अभिमन्यु राजनीति में आने से पहले कारोबार की दुनिया में सक्रिय थे. वह उद्योगपति परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें राजनीति में बड़ी सफलता 2014 में मिली जब वह हरियाणा की नारनौंद सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे और राज्य की पहली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. एक समय ऐसा था, जब उनके पास 13 मंत्रालयों का जिम्मा था.

कोरबा से है खास रिश्ता

कैप्टन अभिमन्यु का कोरबा से खास रिश्ता है. उनके बड़े भाई वीरसेन सिन्धु ने कोलफील्ड में बड़ी सफलता छत्तीसगढ़ के कोरबा में ही हासिल की. फिर कुछ ही वर्षों में उन्होंने अपना विशाल व्यवसायिक साम्राज्य स्थापित कर लिया. उन्होंने सिन्धु परिवार का नाम देश के बड़े उद्योगपति पति परिवारों में दर्ज कराने में सफलता प्राप्त की.

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