पराये को राजदार बनाना पड़ा मंहगा, चुकानी पड़ी यह कीमत
शुभांशु शुक्ला
मुंगेली 16 अक्टूबर। निसंतान बुजुर्ग को किसी पराए को अपना राजदार बनाना महंगा पड़ा। इसकी कीमत उसे अपनी पत्नी की जान देकर चुकानी पड़ी । 10 अक्टूबर को मुंगेली के रामगढ़ में हुई हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। शक सही साबित हुई। यह हत्या लूट के इरादे से ही की गई थी। मुंगेली सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के रामगढ़ में रहने वाले 63 वर्ष के बुजुर्ग लक्ष्मण साहू ने हाल ही में अपनी एक जमीन बेची थी। जमीन बेचने में लालपुर के उमेश कुमार विश्वकर्मा ने उनकी मदद की थी। इस जमीन को बेचने से मिली रकम में से करीब 5 लाख रुपये बुजुर्ग के घर में ही थे, जिस की जानकारी उमेश को थी। उमेश की माली हालत अच्छी नहीं थी और उसे जुये की भी लत थी।उमेश यह भी जानता था कि निसंतान दंपत्ति लक्ष्मण साहू और उनकी पत्नी खोर बहरीन साहू घर में अकेले रहते हैं, इसलिए उसने उनकी हत्या कर लूट की योजना बनाई । इसके लिए उसने अपने गांव के साथी टेकराम उर्फ टिंकू यादव ,अनिल कुमार यादव और कमलेश्वर दास मानिकपुरी को फोन कर बुलाया। यह सभी हत्या वाली रात 1:00 बजे इकट्ठा हुए और रामगढ़ में लक्ष्मण साहू के घर पहुंचे, जहां इन्होंने प्लास की मदद से उनकी बिजली की सर्विस वायर काट दी, जिससे पूरे घर में अंधेरा हो गया।
बिजली क्यों कटी, यह जानने के लिए जैसे ही बुजुर्ग लक्ष्मण साहू बाहर आए इन चारों ने उन्हें दबोच लिया। इससे लक्ष्मण साहू बेसुध होकर गिर पड़े ।उनकी चीख-पुकार सुनकर उनकी पत्नी उन्हें बचाने भागती हुई आई तो उसे भी टेकराम ने अपने साथी अनिल यादव और कलेश्वर मानिकपुरी के सहयोग से गला दबाकर जान ले ली। इन सभी को लगा कि खोर बहरीन बाई के साथ लक्ष्मण साहू की भी मौत हो चुकी है । इसके बाद इन लोगों ने आराम से घर में मौजूद पेटी में रखें 5 लाख रुपए लूट लिए और भाग खड़े हुए। बाद में मास्टरमाइंड उमेश विश्वकर्मा ने अपने साथियों को 20 – 20 हजार रुपए उन्हें देकर घर भेज दिया और बाकी की रकम अपने पास रख ली। इन बचे पैसों में से 4 लाख रुपये को उसने अपने घर की बाड़ी में बाथरूम के पास बेसिन पेड के नीचे पन्नी में बांधकर छुपा दिया और ₹40,000 को अपने पास रख लिया, लेकिन बुरी लत का शिकार उमेश यह ₹40,000 जुए में हार गया । मामले की तफ्तीश में उमेश की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ की। शुरू में तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन बाद में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। जैसे ही पूरे मामले की जानकारी हुई पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी धर दबोचा, जिनसे पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ ।पुलिस ने इनके पास से घटना में इस्तेमाल 2 मोटरसाइकिल और लूट की रकम 4 लाख 60 हज़ार रुपये बरामद कर लिए हैं।
इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाना आसान नहीं था लेकिन नए थाना प्रभारी विश्वजीत सिंह की कार्यकुशलता और उनकी टीम में मौजूद उपनिरीक्षक शिव कुमार केसरिया संजीव कुमार ठाकुर सहायक उपनिरीक्षक बिहार राजपूत प्रधान आरक्षक मनीष सिंह दिलीप कुमार आरक्षक दिलीप साहू दयाल गावस्कर संजय यादव गिरिराज परिहार रवि कुमार जांगड़े ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर इस अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाया। कोतवाली पुलिस की इस कामयाबी से खुश होकर एसपी ने मामला सुलझाने पर ₹10,000 का इनाम भी घोषित किया है।