त्योहार के पहले नींद से जागा फूड सेफ्टी विभागमिलावट की आशंका पर लिये नमूने
कोरबा 08 नवम्बर। किसी भी त्योहार से पहले सरकारी अमला इस बात को लेकर चिंतित हो जाता है कि पता नहीं किस तरह का सामान उपभोक्ताओं को दुकानदार उपलब्ध करा रहे हैं। वे सोचते हैं कि इसके सेवन से कहीं हालत बिगड़ न जाए। इसलिए दूसरे त्योहारों की तरह दीपावली के त्योहारी सीजन में मिलावट की आशंका को ध्यान में रख खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग के अधिकारी विकास भगत, संघर्ष मिश्रा और देवेंद्र विंध्य राज ने कोरबा नगर और आसपास की कई होटल व दुकानों में आकस्मिक निरीक्षण किया।
इस सिलसिले में जमीनी पाली के न्यू मधु स्वीट्स, छुरी के ईश्वर होटल से मिठाई के नमूने लिए। जबकि निहारिका कोरबा स्थित अपना मार्ट, दीपिका के दीप प्रोविजन स्टोर्स, भवानी जनरल, अलका जनरल स्टोर्स ट्रांसपोर्ट नगर, वार्ड नंबर 33 स्थित लकी सुपरमार्केट और गायत्री सुपरमार्केट से पोहा, सूजी, शक्कर, दाल सहित अन्य सामान के सैंपल लिए गए। रायपुर स्थित सरकारी लेब्रोरेटरी में इन नमूनों को भेजा जाएगा। वहां से तकनीकी जांच में सेंपल पास हो गए तो अच्छी बात वरना पेनाल्टी और अन्य कार्रवाई होगी। कोरबा में लगातार की जा रही इस तरह की दबिश के साथ संबंधित कारोबारियों को निर्देशित किया गया कि अपने लाइसेंस को बाहर में डिस्प्ले करने के साथ खाद्य पदार्थों के विनिमय की प्रक्रिया में न्यूजपेपर का उपयोग बिलकुल न करें। कई महीनों बाद आती है रिपोर्ट छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनने बाकी हैं। मौजूदा स्थिति में जितने जिले हैं, वहां पर फूड सेफ्टी के द्वारा समय-समय पर की जाने वाली जांच और भेजे जाने वाले नमूनों का दबाव इकलौते प्रयोगशाला पर बना हुआ है। बड़े जिलों में यह संख्या ज्यादा है।
खबर के मुताबिक प्रयोगशाला में स्टाफ सीमित है और इन कारणों से जांच की रिपोर्ट कई महीनों बाद आती है। इस समय तक पूरा सीजन बीत गया होता है और दुकान का सामान बिकने के साथ उपभोक्ताओं के द्वारा उपयोग में ले लिया जाता है। सवाल उठता है कि इस स्थिति में किसके साथ क्या हुआ और इसके पीछे कौन से कारण रहे, इसे आखिर कौन तय करेगा। काफी समय से इस तरह की चीजें हर कहीं बनी हुई है और प्रश्रचिन्ह उठ रहे हैं, इसके बावजूद विसंगति को दूर करने का काम अब तक नहीं हो सका।