मजदूरों ने वेतन वृद्धि और पीएफ की मांग के लिए किया काम बंद
कोरबा 16 फरवरी। साउथ इस्टर्न कोलफील्डस लिमिटेड के अंतर्गत आउट सोर्सिंग पर काम करने वाली कंपनियों का सिरदर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुसमुंडा क्षेत्र में मजदूरों की ठेका कंपनियों से तनातनी बनी हुई है। मजदूरों ने नियमित वेतन के साथ वेतन वृद्धि और पीएफ की मांग के लिए दबाव बनाते हुए आज काम ठप्प कर दिया। जानकारी मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति सामान्य करने की कोशिश की।
जानकारी के मुताबिक कुसमुंडा क्षेत्र में काम कर रही सामंता कंस्ट्रंक्शन, आरबीआरएस और दूसरी कंपनियों के मजदूरों ने अचानक से यह सब किया। इस बारे में पहले से किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी। सैकड़ों की संख्या में मजदूरों की ओर से अचानक कार्यस्थल पर पहुंचकर विरोध किया गया। उन्होंने यहां पर नारेबाजी की। कहा गया कि अन्य क्षेत्रों की तरह उन्हें निर्धारित वेतन समय पर देने की व्यवस्था हो और वेतन में बढ़ोतरी भी की जाए। प्राविडेंट फंड की सुविधा देने की मांग भी की गई। हड़ताली मजदूरों ने आरोप लगाया कि कुसमुंडा में ठेका कंपनियां मनमानी कर रही है और उनके हितों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। इसलिए लगातार इस प्रकार के प्रदर्शन किये जाते रहेंगे। कंपनियों को जब इस बारे में खबर हुई तो उनका प्रबंधन हरकत में आया। उनकी ओर से संबंधित मांगों के बारे में सामान्य रूप से चर्चा की गई और आगे विचार करने के लिए कहा गया है। इस दौरान हंगामा भी हुआ। जिसके बाद कुसमुंडा थाने की पुलिस यहां पहुंची। असली और नकली की लड़ाई इससे पहले एसईसीएल मानिकपुर परियोजना में ठेका कंपनियों में स्थानिय लोगों को लिए जाने को लेकर काफी समय से प्रदर्शन होते रहे हैं।
भू-विस्थापितों की आड़ में इस तरह का प्रदर्शन का जारी है। इसे लेकर अब असली और नकली की लड़ाई शुरू हो गई है। सात गांव के लोगों ने मोर्चा खोलकर साफ तौर पर कहा गया कि परियोजना में जमीन हमारी गई है और वास्तवितक रूप से प्रभावित हम लोग हैं, जो लोग कथित क्रांति की आड़ लेकर प्रदर्शन करने के साथ दबाव बना रहे हैं, उनका किसी भी तरह से भू-विस्थापित से कोई लेना देना नहीं है।