13 वर्षीय भतीजी से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
कोरबा 8 जनवरी। सीएसईबी पुलिस ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब पुलिस ने पीड़ित पक्ष को एफआईआर के लिए काफी चक्कर कटवाया। पुलिस अधीक्षक तक जानकारी पहुंचने के बाद आखिरकार चौकी पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
सहायता केंद्र के अंतर्गत निवासरत विद्युत संयंत्र के कर्मी ने अपनी बेटी समान लड़की को हवस का शिकार बनाया लेकिन इसकी रिपोर्ट लिखाने के लिए परिवार को घंटों तक भटकना पड़ा। करीब 13 वर्षीय बालिका स्कूल की छात्रा है, उसके पिता की मौत हो चुकी है और बेवा मां के साथ इस घर में रहती रही। उसका बड़ा पिता जिसका नाम दिलीप बताया जा रहा है, उसकी बुरी नीयत अपनी बेवा बहू पर रही। बहू को जब उसने हवस का शिकार बनाया तो परिवार की बदनामी के डर से बात को दबा बैठी लेकिन मन में कसक लिए कोरबा छोड़कर कमाने-खाने बनारस चली गई। उसे सपने में आभास ना था कि जेठ की बुरी नजर उसकी बेटी पर भी है। कोरबा छोड़ते वक्त दिलीप ने बेटी का पालन-पोषण करने की बात कही और बड़े मां-पिता ने रख लिया। दो दिन पहले 5 जनवरी को बड़े पिता की नजर खराब हुई और उसने उसके साथ बलात्कार कर डाला। पीड़िता ने किसी तरह दूसरे दिन अपनी मां को घटना के बारे में फोन से बताया। उसकी मां बनारस से तत्काल साधन कर 7 जनवरी को शाम 6 बजे कोरबा पहुंची। उसने अपने करीबी रिश्तेदारों को भी बताया और शाम 7 बजे बेटी को लेकर रिपोर्ट लिखाने सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र पहुंची। साथ में दूसरे रिश्तेदार भी थे। यहां इस गंभीर और संवेदनशील मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर अपराधी की धरपकड़ करने की बजाय पीड़िता और बच्ची को एक कमरे में बिठा कर कर्मी अंदर-बाहर होते रहे। इधर बाहर मौजूद रिश्तेदारों के इधर-उधर भटकने पर कुछ मीडिया कर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने जानकारी हासिल और दबाव बनाया। कुछ जनप्रतिनिधि भी पहुंच गए थे।
जैसे ही बात पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने तत्काल निरीक्षक पदोन्नत एसआई श्रीमती भावना खंडारे को निर्देश दिए। रात लगभग 10.30 बजे भावना खंडारे पुलिस सहायता केंद्र पहुंचीं और बयान लिया। बच्ची को साथ लेकर मुलाहिजा के लिए जिला चिकित्सालय रवाना हुई। वहां अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिली और अपने घर पर बुलाया। पीड़िता को वापस पुलिस सहायता केंद्र लाया गया और कुछ देर चर्चा के बाद उसे मुलाहिजा के लिए महिला चिकित्सक के बुलाए अनुसार उनके पास ले जाया गया। पीड़िता की मां के मुताबिक यह सारा घटनाक्रम रात 2 बजे तक चलता रहा। पुलिस द्वारा कुछ नहीं पता चल रहा है, कह कर बात को टाला जाता रहा लेकिन अंत में पीड़िता ने ही बताया कि उसके कपड़े उसने छुपा कर रखे हैं तब रक्त सने कपड़े को बरामद कर जप्त किया गया। इस मामले में रात से ही मीडिया कर्मियों द्वारा लगातार चौकी प्रभारी एसआई नवल साव से संपर्क कर नजर बनाए रखी गई। जैसे ही कप्तान हरकत में आए और मीडिया का दबाव बढ़ा तो आरोपी को पकड़ने के लिए कोशिश शुरू हुई। आखिरकार उसे सुबह पकड़ लिया गया।