प्रशासनिक व्यवस्था से त्रस्त आदिवासी दिव्यांग ने सपरिवार इच्छामृत्यु की मांग की

कोरबा 15 दिसंबर। प्रशासनिक और पंचायत व्यवस्था से त्रस्त एक आदिवासी दिव्यांग ने सपरिवार इच्छामृत्यु की मांग की है। लगभग 7 दशक पूर्व की उसकी समस्या का निराकरण किसी भी सूरत में नहीं होने की वजह से परिवार भुखमरी और कुपोषण का शिकार हो रहा है।

पाली तहसील के ग्राम बतरा का रहने वाला उत्तम सिंह पिता गणेश सिंह गोंड़ शारीरिक रूप से विकलांग और चलने-फिरने में असमर्थ है। लाठी के सहारे थोड़ा.बहुत चल-फिर सकता है। सरकार ने आदिवासी और दिव्यांगों की समस्या का तुरंत निदान करने का प्रावधान किया है किन्तु पाली जनपद सीईओ, सरपंच, सचिव तथा तहसीलदार उसकी समस्या का निदान करने में असमर्थ हैं। ग्राम बतरा के पटवारी हल्का नं.8 स्थित खसरा नं. 871 की रकबा 110 एकड़ जमीन उत्तम सिंह के पूर्वजों के नाम दर्ज है। उक्त जमीन को ग्राम पंचायत द्वारा दबावपूर्वक दानपत्र लिखवाकर अडिंहामुड़ा तालाब बना दिया गया है जिसमें राजस्व अमला की भागीदारी है। लगभग 7 दशक से इस मामले का निदान नहीं हो सका है और नकल मांगने पर नकल नहीं दी जाती और न ही सूचना के अधिकार में जानकारी दे रहे हैं। कई बार आवेदन दिया गया परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई है। 110 एकड़ जमीन सरपंचों और संबंधित अधिकारियों द्वारा दबाव व फर्जी तरीके से कब्जा कर तालाब बना देने से खेती-किसानी नहीं हो पा रही है। परिवार भूखों मरने की स्थिति में है और कुपोषण का शिकार होकर विकलांग हो गए हैं। परिवार में मृत्युदायक-कष्टदायक बीमारी होने की संभावना है। उत्तम सिंह ने कहा है कि इनके पास कोर्ट-कचहरी जाने के लिए पैसा नहीं है। इन्होंने कहा है कि समस्या का निदान कराने में असमर्थ हैं तो पूरे परिवार सहित इच्छामृत्यु देने की स्वीकृति प्रदान करें।

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