प्रदेश में बनेगा गौ अभयारण्य और प्रत्येक गांव में पशु मुक्तिधाम

राज्य गौ सेवा आयोग परिषद की बैठक में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय

कोरबा 20 नवम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग हिंदू धर्मावलंबियों के आस्था के केंद्र गौ माता के संरक्षण और संवर्धन को लेकर कितना गंभीर है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि भविष्य में राज्य में गो अभयारण्य और हर गांव में पशु मुक्तिधाम बनाने का निर्णय लेते हुए कार्य योजना को मूर्त रूप देने प्रयास एवं पहल कर रहा है।

रायपुर राजधानी में आयोग की बैठक में राज्य में गो अभ्यारण के निर्माण तथा प्रत्येक गांव में पशु मुक्तिधाम बनाए जाने का ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए गंभीरता पूर्वक विचार किया गया। राज्य सरकार गौ संवर्धन संरक्षण को लेकर काफी गंभीर है । राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी और गोधन न्याय योजना के बाद अब गौ सेवा आयोग के गठन के साथ ही आयोग के माध्यम से ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व कार्य होने जा रहा है। पूरे देश में यह पहली सरकार होगी जो पशुधन के लिए ऐसी योजना लेकर आ रही है। प्रत्येक गांव में पशु मुक्तिधाम बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजना तैयार किया जा रहा है। राज्य में हर गांव गली मोहल्ले में बड़ी संख्या में गोवंश है जिनकी अकाल मृत्यु के बाद कहीं भी फेंक दिया जाता है। एक तरफ हिंदू धर्मावलंबी गाय को माता का दर्जा देते हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह से अपमानित कृत्य होता है। जिससे आस्था को ठेस पहुंचती है । इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य गौ सेवा आयोग ने गोवंश के ससम्मान अंतिम संस्कार हेतु प्रत्येक गांव में पशु मुक्तिधाम बनाने का निर्णय लिया है। देश में कहीं भी किसी भी राज्य में ऐसा पहली बार होने जा रहा हैए यदि सब कुछ सही रहा तो यह योजना अतिशीघ्र मूर्त रूप ले लेगा। रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य से गौ सेवा आयोग की बैठक में अध्यक्ष राजेश्री महंत राम सुंदर दास जी महाराज, उपाध्यक्ष मन्ना लाल यादव, सदस्य प्रशांत मिश्रा आदि अन्य सदस्य,अधिकारी एवं कर्मचारी की उपस्थिति में सर्वसम्मति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। गौ सेवा से जुड़ी सभी योजनाओं की समीक्षा की गई और इनमें कसावट लाने तथा योजनाओं से स्थानीय लोगों को अधिकाधिक रोजगार, स्वरोजगार उपलब्ध हो इस विषय में भी सविस्तार विचार-विमर्श और समीक्षा की गई। बैठक में इस बात को लेकर नाराजगी हुई कि गौठान का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। राज्य शासन गौठान के लिए बजट उपलब्ध करा रहा है लेकिन उसका सदुपयोग होने के बजाय दुरुपयोग हो रहा है। यही कारण है कि हर जगह गोवंश खुले में विचरण करते दिख रहे हैं। इसे व्यवस्थित करने आगामी दिनों में गौठानौ का लगातार निरीक्षण कर लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई और जिम्मेदारी तय की जाएगी। आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा बैठक की कार्रवाई के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि गौठान अथवा अन्य कहीं, किसी जगह पर गोवंश के साथ अत्याचार अथवा भूख चारे प्यास की कमी से कोई मौत ना हो। अन्यथा आयोग ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करेगा।

ऐसे होगा गो-अभयारण्यः राज्य गौ सेवा आयोग सदस्य प्रशांत मिश्रा ने बताया कि पशु तस्करी को रोकने एवम जब्त शुदा पशु के उचित रख रखाव के लिए 50 एकड़ से अधिक भूमि मे गौ अभयारण्य बनेगा। जहां पशुओं के लिए पानी, चारा, चिकित्सा आदि अन्य की पूरी व्यवस्था होगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पशुओं की तस्करी रोकने और गो वंश के उचित देखभाल के लिए गौ अभ्यारण्य की परिकल्पना को अमलीजामा पहनाने के लिए गो सेवा आयोग ने उक्ताशय का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा है। जिसमें प्रत्येक जिले में गो अभ्यारण्य बनाने की योजना प्रेषित की गई है। प्रथम चरण में सीमावर्ती जिलों को लिए जाने का सुझाव दिया गया है। अभ्यारण्य के लिए 50 से 100 एकड़ वन भूमि में उचित व्यस्था की विस्तृत कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई है।

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