लूट करने वाले पांच आरोपितों का पुलिस ने निकाला जुलूस

कोरबा 28 जून। रेलवे स्टेशन में रात की ट्रेन से उतरते ही एक ग्रामीण को कुछ अज्ञात युवकों ने घर जाने बुकिंग पर कम किराए में आटोरिक्शा दिलवाने का झांसा दिया। रात को दूर गांव तक जाने आसानी से सस्ती सवारी मिलने की बात से खुश होकर ग्रामीण उनके साथ चला गया। थोड़ी दूर जाने के बाद जैसे ही एक अंधेरी जगह आई, उन युवकों ने ग्रामीण के साथ मार-पीट शुरू कर दी। उसके पास रखे रुपये, मोबाइल और बैग छीन लिया और उसे वहीं छोड़ वहां से रफूचक्कर हो गए। पुलिस को सूचना मिलने पर पतासाजी शुरू की गई और घेराबंदी कर आधी रात को दुस्साहसिक ढंग से घटना को अंजाम देने पांच आरोपित सुबह पकड़ लिए गए। रविवार को पुलिस पांचों आरोपितों का जुलूस निकाला।

घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि रात की ट्रेन से नैला से कोरबा पहुंचे ग्राम चुइयां निवासी बुधराम कंवर को स्टेशन में पांच युवक मिल गए। उन्होंने सस्ते में आटोरिक्शा दिलाने का झांसा दिया और नहर किनारे लेकर चले गए। जहां पांचों युवक ने बुधराम से न केवल मारपीट की, बल्कि उसके पास रखे छह हजार नगद, मोबाइल व बैग छीन कर फरार हो गए। डरे सहमे व्यक्ति ने किसी तरह कोतवाली पहुंच मामले की शिकायत की। रात ढाई बजे हुई इस घटना से पुलिस तत्काल कार्रवाई करते छानबीन शुरू की और मुखबिरों को सक्रिय किया। इस बीच पुलिस ने सूचना मिलने पर सभी आरोपियों को पकड़ कर उनके पास से लूटे गए माल को भी बरामद किया। पकड़े गए सभी युवक धनवार पारा के निवासी किशन, राघव, रोहित, मुकेश और विकास है। डकैती के मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए सभी आरोपी आपराधिक किस्म के है। इस घटना से ऐसा लग रहा है कि अपराधियों में पुलिस को खौफ नही है और बेधड़क घटना को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस ने रानी धनराज कुंवर प्राथमिक स्वास्थ् केंद्र से पांचो आरोपितों को पैदल पुराना बस स्टैंड से होते हुए कोतवाली तक लाया, ताकि इस तरह का दुस्साहस पुनः कोई न कर सके।

शाम सात बजे की ट्रेन में आने वाले यात्रियों को उपनगरीय क्षेत्रों व ग्रामीण अंचलों की ओर अपने घर जाने सवारी वाहनों के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। एक ओर आटो चालक उनसे मनमाना किराया वसूलने की फिराक में होते हैं, तो दूसरी ओर सामान्य वाहन या सिटी बसें नहीं चलने से लोग ज्यादा किराया देने विवश हो जाते हैं। सक्षम वर्ग के लोगों के लिए रात में भटकने की बजाय दो से तीन गुना रकम भी आसान होता है, पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के यात्रियों के लिए काफी दिक्कत होती है।

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