गोबर की खरीदी नहीं होने पर बढ़ी समस्याएं

कोरबा 22 जून। शहरी क्षेत्र के पशुपालकों की शिकायत है कि नगर निगम के द्वारा गोबर की खरीदी नहीं की जा रही हैं। उन्होंने इसी विश्वास में किसानों को मवेशियों का गोबर नहीं बेचा। स्थिति यह है कि गोबर का स्टाक बारिश के मौसम में कई प्रकार की समस्या बढ़ा रहा है। मौके पर गंदगी फैलने के साथ जीव जंतुओं की उपस्थिति से यह लोग काफी डरे हुए हैं।

डेयरी व्यवसाय को एक ही स्थान पर व्यवस्थित करने के इरादे से छत्तीसगढ़ की पूर्व सरकार ने गोकुल नगर योजना लांच की थी इसके अंतर्गत कोरबा के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित किए जा रहे खटाल को खरमोरा वार्ड के अंतर्गत शिफ्ट किया गया था मौके पर पशुपालन और कारोबारियों के लिए जमीन दी गई थी इसी स्थान पर वर्तमान में अनेक परिवार अपना व्यवसाय कर रहे हैं इसी क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के अंतर्गत गठान की शुरुआत की हैं गोकुल नगर मैं काफी संख्या में मवेशियों से प्राप्त होने वाला गोबर पशुपालकों के लिए आमदनी का जरिया बना हुआ है सोनू शर्मा बताते हैं कि शुरुआती दिनों में उनके यहां से गोबर की मांग गौठान के लिए होती रही बाद में हालात बदल गए गौठान में मवेशिय अब नजर नहीं आ रहे हैं लेकिन उनके लिए पैरा कुट्टी और दाना बराबर आ रहा है यह अपने आप पर संशय पैदा करता है।

पशुपालक श्याम किशोर ने बताया कि गौठान प्रारंभ होने से पहले भी किसानों को गोबर बेचते थे गौठान शुरू होने के बाद उन्होंने कुछ बदलाव किया अब दिक्कत यह है कि किसानों को गोबर नहीं बेचने के चक्कर में गौठान के द्वारा भी इसकी मांग नहीं की जा रही हैं ऐसे में वह दो तरफा समस्या से गिर गए हैं। श्याम किशोर ने बताया कि बारिश के चलते आसपास में गोबर कभी खराब हो रहा है और इसके कारण गंदगी हो रही है इसके अलावा जीव जंतुओं का खतरा भी बना हुआ है।

पशुपालक अजय पाठक ने गौठान की मौजूदा स्थिति पर हैरत जताने के साथ बताया कि किसानों और पशुपालकों से जो वादे किए गए थे उसकी पूर्ति नहीं की जा रही हैं जो समस्याएं हम लोगों के साथ बनी हुई है उसका निराकरण सरकार को करना चाहिए। गोकुल नगर गौठान को मल्टीयूटिलिटी सेंटर बनाने के दावे काफी दिनों से किए जा रहे हैं यहां पर गोबर से बनाए जाने वाले उत्पाद की बिक्री भी करने की बात हो रही है लेकिन जो नजारे यहां पर देखने को मिल रहे हैं उससे पता चलता है कि सब कुछ हवा-हवाई से ज्यादा और कुछ नहीं है जिस तरह से यहां सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं उसे देखकर नहीं लगता कि भारी बारिश होने पर इसमें से कुछ मात्रा यहां बच सकेगी नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और गौठान की व्यवस्था देखने वालों को इस तरफ ध्यान दिया।

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