मड़वाढोढ़ा, पूरेना, बांकी बस्ती व रोहिना में पेयजल समस्या
कोरबा 23 मार्च। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने एसईसीएल कोरबा महाप्रबंधक से कोल खनन प्रभावित गांव मड़वाढोढ़ा, पूरेना, बांकी बस्ती, रोहिना में जल समस्या हल करने की मांग की है।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा है कि बांकी खदान में भूमिगत खनन के कारण इस क्षेत्र में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है। जिसके कारण तालाब और हैंड पंप पूरी तरह सूख गए हैं और गर्मियों में यहां के रहवासियों और पशुधन को भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ता है। मड़वाढोढा, पुरैना, बांकी बस्ती, रोहिना आदि गांवों के 1000 घरों के 5000 लोग और इतने ही मवेशी इस समस्या से प्रभावित है। माकपा नेता प्रशांत झा ने कहा है कि भूमिगत खदानों से निकलने वाला पानी नदी-नालों में जाकर बेकार बह रहा है, जिसे इन गांवों के 10 तालाबों में भरकर यहां की जल समस्या को हल किया जा सकता है। कुछ तालाबों का गहरीकरण करने और बिगड़े हैंड पंपों को सुधारने की भी जरूरत है। इससे न केवल आम जनता को जल संकट से मुक्ति मिलेगी, बल्कि वैकल्पिक रोजगार भी मिलेगा और हजारों एकड़ में गर्मी की खेती भी संभव होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि गांव की पानी समस्या की और एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान कई बार आकर्षित किया जा चुका है, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वह केवल इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मुनाफा कमाने से ही सरोकार रखता है और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और एसईसीएल यदि तत्काल जल संकट के निराकरण के लिए कदम नहीं उठाती, तो माकपा और किसान सभा को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।