कोरोना टीका लगवाने में स्थानीय लोगों को दिलचस्पी नहीं

कोरबा 17 मार्च। वैश्विक महामारी कोरोना से बीते वर्ष भारत सहित दुनिया भर में हुई करोड़ों मौतें और इससे कहीं ज्यादा संक्रमितों पर आए खतरे अभी भी नहीं टले हैं। इस बीच भारतीय अनुसंधानकर्ताओं ने कोविशिल्ड टीका खोज लिया। फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स के बाद वरिष्ठ नागरिकों को टीका लगाया जा रहा है। कोयलांचल गेवरा-दीपका और आसपास के क्षेत्रों में इसे लेकर लोग उदासीन हैं। स्थिति यह है कि 15 मार्च तक 60 से ज्यादा और 45-59 आयु वर्ग में शामिल कुल संख्या में से महज सैकड़ों लोगों ने ही टीका लगवाया।

तरह-तरह से टीकाकरण अभियान की उपयोगिता और महत्व दर्शाने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान चलाया। शुरूआती दौर में कोरबा जिले में यह काम केवल जिला अस्पताल और दो सीएचसी में चल रहा था। प्रथम खेप में 10 हजार टीके इस जिले को दिए गए जिनका लाभ स्वास्थ्य, आईसीडीएस और पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मियों को सुनिश्चित किया गया। कोरोना कालखंड में हाई रिस्क जोन में इन कर्मियों ने अपनी उपस्थिति के साथ काम किया और खतरे झेले। यह चक्र पूरा होने के बाद सरकार ने 60 और इससे अधिक आयु के लोगों की चिंता की। इसके साथ ही रक्तचाप, मधुमेह और क्रोनिक डिसिज से संबंधित मरीजों को भी कोरोना टीका लगाया जाना शुरू किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में इसे लेकर सकारात्मक तस्वीर बनी हुई है लेकिन कोरबा जिले के कोलफील्ड गेवरा-दीपका और आसपास के क्षेत्रों में लाभान्वितों की संख्या देखकर ऐसा लगता है कि उन्हें ना तो कोरोना के आगामी खतरों की परवाह है और ना ही टीकाकरण अभियान से बहुत ज्यादा वास्ता। स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण की प्रगति रिपोर्ट जारी की है और इसमें अब तक के आंकड़े जारी किये। इससे पता चलता है कि टीकाकरण के मामले में स्थानीय लोग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार गेवरा स्थित एनसीएच हास्पिटल में 60 वर्ष और इससे अधिक के लोगों में से केवल 49 लोगों ने ही अब तक टीका लगवाया है। जबकि 45 वर्ष से अधिक के लोगों की यह संख्या 27 है। जबकि सीएचसी दीपका के अंतर्गत आने वाले राजीव नगर, झाबर, बिंझरी, ढुरेना, कोराई, ङ्भबझरा, जूनाडीह, मलगांव, बेलटिकरी और चैनपुर की आबादी 13 हजार से ज्यादा है। बताया गया कि इन ग्रामों में 60 वर्ष से अधिक की आयु वाले लोगों में से 21 लोगों ने टीका लगवाया है। जबकि 45 से 59 आयु वर्ग वालों में से लाभान्वितों की संख्या 15 मार्च तक दहाई में भी नहीं पहुंच सकी है। केवल 3 लोगों ने टीकाकरण का लाभ लिया है। दोनों ही श्रेणियों में अनेक स्थानों पर लाभान्वितों की संख्या शून्य है। एसएचसी राल और नेहरूनगर में भी हितग्राहियों की संख्या उत्साहजनक नहीं है। इन्हीं कारणों से दीपका के नायब तहसीलदार शशिभूषण सोनी, सीएमओ भोला सिंह ठाकुर और स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय मेडिकल ऑफिसर को शहरी क्षेत्र में निकलना पड़ा। यहां पर उद्घोषणा करने के साथ लोगों को जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि टीकाकरण कराया जाना आवश्यक और अनिवार्य है। लोग इसके लाभ समझें और अपने आपको संभावित खतरे से बचाएं।

कोरबा जिले में सभी शासकीय अस्पतालों एवं सार्वजनिक उपक्रमों के अस्पताल और अन्य निजी अस्पतालों को भी कोरोना टीकाकरण के लिए अधिकृत किया गया है। वर्तमान में 102 स्थानों पर टीकाकरण की सुविधा मिली हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि शासकीय अस्पतालों में पंजीकरण के साथ लोग निःशुल्क सुविधा प्राप्त कर सकते हैं जबकि निजी अस्पतालों में टीकाकरण के लिए कुल 250 रुपए अदा करने होंगे।

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