उत्पादन प्रमाण पत्र के लिए पटवारी कार्यालय का चक्कर काट रहे किसान, थोपी जा रही है शर्त, किसानों में रोष

कोरबा 3 दिसम्बर। जिले में पहली दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ हो गयी है। लेकिन हरदीबाजार और आसपास के क्षेत्र के किसान उत्पादन प्रमाण पत्र के लिए पटवारी दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। मगर उन्हें उत्पादन प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार हरदीबाजार, कोरबी, धतूरा आदि धान खरीदी केन्द्र के उत्पादन प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं। जबकि क्षेत्र में धान की मिसाई एक माह पहले ही कर चुके हैं। किसान प्रमाण पत्र के लिए पटवारी का चक्कर लगा रहे हैं।  पटवारी तरह-तरह का
बहाना बनाकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। किसानों को कभी पैरादान देने पर ही प्रमाण पत्र देने की बात कही जा रही है, तो कभी बारदाने में धान भरने के बाद मौके पर उसकी गिनती करने के बाद प्रमाण पत्र देने की बात कही जा रही है। लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि पटवारी के मनमुताबिक काम करने के कितने दिन बाद प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा।

याद रहे कि किसान की ओर से पहले ही फसल का सर्वे करा लिया गया है और औसत उत्पादन का निर्धारण कर दिया गया है। धान विक्रय के लिए उत्पादन प्रमाण पत्र पूर्व सर्वे के अनुसार ही पटवारियों को जारी करना है। शासन की ओर से
पैरादान की कोई शर्त या बाध्यता नहीं है। न ही बारदानों में धान भरने के बाद उनकी गिनती करने का कोई नियम है। क्षेत्र के किसानों में इस नई व्यवस्था से गहरा आक्रोश व्याप्त है। उनको संदेह है कि अनुचित लाभ लेने की मंशा से राजस्व विभाग के कारिन्दे किसानों को परेशान कर रहे हैं।

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