आस्था और उमंग के साथ मनाया गया छठ

कोरबा 21 नवम्बर। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा कोरबा नगर और उपनगरीय क्षेत्रों के साथ कस्बों में उमंग के साथ संपन्न हुई। छठ को अस्ताचल सूर्य तथा अगले दिन उदित होते सूर्य को अघ्र्य दिया गया। प्रशासन के निर्देशों की वजह से घाटों में श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। अधिकांश स्थानों पर घर के आंगन और छत में कृत्रिम कुंड बनाकर लोगों ने छठ पूजा की।
कोरबा के ढेंगुरनाला, सुभाष ब्लॉक शिव मंदिर, मानिकपुर पोखरी, हसदेव घाट, अहिरन घाट सुमेधा, कटाईनार, शिव मंदिर तालाब दीपका, मुड़ापार तालाब और प्रेमनगर घाट, गरम पानी नहर दर्री में श्रद्धालुओं ने परंपरागत तरीके से छठ पूजा की। अंतर साफ तौर पर नजर आया कि बीते वर्षों में जहां इन घाटों पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहा करते थे, इस बार यह संख्या सीमित रही। कोरोना संक्रमण को लेकर दो मौकों पर प्रशासन ने अलग-अलग दिशा निर्देश जारी किये। पहले घाटों में पूजा पर रोक लगाई गई। बाद में 17 बिंदुओं के तहत ढील दी गई। असमंजस की स्थिति में सीमित लोगों ने ही घाट पहुंचने में रूचि ली। इन घाटों में दर्शनार्थी भी नहीं जुटे, जो पहले खास हिस्सा होते थे। कोरबा और आसपास के रिहायशी क्षेत्रों में लोगों ने सूर्य उपासना के पर्व को संपन्न करने के लिए अपने स्तर पर व्यवस्था की। घर के बाहर आंगन में कुंड लगाने के साथ सूर्य को अघ्र्य प्रदान किया गया। यही नहीं जिन स्थानों पर यह व्यवस्था नहीं हो सकी, उन्होंने बच्चों के लिए उपयोग में आने वाले वाटर गेम की मदद ली। इसमें पानी भरने के साथ पर्व की परंपरा निभाई गई। दीपका और कुसमुंडा क्षेत्र में एसईसीएल के आवासीय परिसर में सामूहिक रूप से ऐसे आयोजन किये गए। कटघोरा, पाली और रजगामार में भी पूर्वांचल के लोगों ने विधि-विधान के साथ इस विशेष पर्व को लेकर उत्साह दिखाया।

Spread the word