कार्डधारियों को 3 माह से नहीं मिला है चना, नवंबर और दिसंबर के बाद जनवरी में भी वितरण नहीं

कोरबा 22 जनवरी। जिले के हितग्राहियों को नवंबर और दिसंबर में चना नहीं मिला। जनवरी माह में भी चना पीडीएस दुकानों से नहीं दिया जा रहा है। शासन से वितरण नहीं होने का हवाला देकर लौटाया जा रहा है। चना के लिए बार-बार दुकानों का चक्कर काटना पड़ रहा है।

जिले में शासकीय उचित मूल्य (पीडीएस) की 553 दुकानें संचालित हैं। कोरबा आकांक्षी जिला है। जिले के गरीब परिवारों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए शासन की योजना अंतर्गत हर माह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को खाद्यान्न वितरण किया जाता है। ऐसे परिवारों की संख्या तीन लाख 16 हजार 63 है। इसमें सबसे अधिक प्राथमिकता कार्डधारी दो लाख 55 हजार 766 है। इसके अलावा अंत्योदय कार्डधारी 57 हजार 17, निराश्रित कार्डधारी 1969 एवं निरूशक्त 1309 कार्डधारी है। इन हितग्राहियों को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से हर माह चावल, शक्कर और नमक के साथ चना भी उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन तीन माह से इन कार्डधारियों की परेशानी बढ़ गई है।हितग्राहियों को पीडीएस दुकानों से चना नहीं मिल रहा है। ऐसे में हितग्राहियों को उम्मीद है कि फरवरी माह में उन्हें पीडीएस दुकानों से चना उपलब्ध होगा। इसके अलावा नवंबर और दिसंबर माह का भी चना मिलेगा।

हितग्राहियों का कहना है कि सोसाइटी से मिलने वाला चना का उपयोग दाल व सब्जी के रूप में किया जाता है। लेकिन चना नहीं मिलने से उन्हें बाजार से महंगे दाम पर चना दाल खरीदकर खाना पड़ रहा है। हालांकि आलू और प्याज को छोड़ देें तो कुछ हरी सब्जियों के दाम कम हैं। लेकिन कुछ ही दिनों बाद लोकल सब्जियों की आवक बाजार में कम होने से दाम महंगी हो जाएगी। इस दौरान महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि चना उपलब्ध कराने वाली कंपनी का निविदा समाप्त हो गया है। लेकिन शासन की ओर से अभी तक निविदा की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में फरवरी माह से हितग्राहियों को चना वितरण होने की जानकारी दी जा रही है। लेकिन अधिकारी अभी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि फरवरी में चने की आपूर्ति शुरू होगी। इधर चना नहीं मिलने से लोग नाराज हैं। जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों की परेशानी बढ़ गई है। तीन लाख हितग्राही परिवारों को तीन माह से चना नहीं मिल रहा है। इससे लोग महंगी दाल खाने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि अभी हरी सब्जियों के दाम थोड़े कम है इससे राहत है। लेकिन खाने की थाली से चना गायब होने से गरीब लोग नाराज हैं।

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