एनटीपीसी और एसईसीएल ने ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन में पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुटता दिखाई

कोरबा 05 नवंबर। पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एनटीपीसी और एसईसीएल ने आज 13 मिलियन मीट्रिक टन राख को बंद खदानों में भरने के लिए समझौता ज्ञापन (डवन्) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते में दुग्गा खदान के लिए लगभग 117.81 लाख घन मीटर और बिश्रामपुर खदान के लिए 12.02 लाख घन मीटर राख के निपटान की रूपरेखा तैयार की गई है। यह पहल न केवल प्रभावी राख प्रबंधन की सुविधा प्रदान करती है, बल्कि बंद खनन स्थलों के पुनर्स्थापन में भी योगदान करती है, जो हमारे पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मेल खाती है। एनटीपीसी के तीन स्टेशनोंकृसिपट, लारा और कोरबाकृने इस राख की आपूर्ति में सहयोग किया है। विशेष रूप से, एनटीपीसी सिपट 5.4 मिलियन मीट्रिक टन, लारा 2.9 मिलियन मीट्रिक टन, और कोरबा 4.7 मिलियन मीट्रिक टन राख भरने के लिए प्रदान करेगा।

एनटीपीसी की ओर से इस डवन् पर हस्ताक्षर करने वालों में श्री विजय कृष्ण पांडे (परियोजना प्रमुख – सिपट), श्री अनिल कुमार (परियोजना प्रमुख – लारा), और श्री राजीव खन्ना (परियोजना प्रमुख – कोरबा) शामिल थे। एसईसीएल की ओर से, इस डवन् पर हस्ताक्षर किए श्री बी.के. जेना (महाप्रबंधक – पर्यावरण), श्री प्रदीप कुमार (क्षेत्रीय महाप्रबंधक – भटगांव), और श्री संजय कुमार (महाप्रबंधक – बिश्रामपुर) ने किए। यह सहयोग दोनों संगठनों की स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

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