कोयला कंपनीः फर्जी नौकरी मामले में बदल दी अपनी मूल जाति, जांच जारी

कोरबा 16 अक्टूबर। जाति जनगणना के बड़े मुद्दे के जरिए इस तरह का शिगुफा छोड़ा गया है कि जिसकी संख्या जितनी ज्यादा, उतनी उसकी भागीदारी। यानि सब कुछ जाति ही तय करेगी। इस आधार पर लाभ भी मिलेगा। चाहे क्षेत्र कोई भी हो। इन सबसे अलग हटकर कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स में बोगस तरीके से नौकरी हथियाने के साथ लाभ लिया जाना जारी है, लंबे समय से। तहसीलदार दीपका ने ऐसे ही एक मामले में एसईसीएल दीपका सीजीएम से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। अद्यतन रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार तहसीलदार दीपका के द्वारा 10 सितंबर 2024 को सीजीएम दीपका का एक पत्र भेजा गया है जो कलेक्टर कोरबा के जनचौपाल 10 जुलाई 2024 से संदर्भित है। पत्र में कहा गया कि दीपका क्षेत्र में राजकुमार साहू द्वारा फर्जी नौकरी की जांच कर कार्रवाई करने संबंधी आवेदन मिला है जिस पर अगली कार्यवाही की जानी है। आदिवासी विकास परिषद की ओर से इस विषय पर कलेक्टर को जनदर्शन में अवगत कराया गया। जनचौपाल में प्रदत्त आवेदन पर क्या कुछ कार्यवाही हुई, इस बारे में आवेदक ने सूचना के अधिकार से जानकारी चाही। तहसीलदार ने इस विषय पर आवेदन पत्र की मूल प्रति सीजीएम दीपका को भेज दी और राजकुमार साहू की नौकरी के संबंध में मूल दस्तावेज सहित अन्य जानकारी तीन दिन में दिलाए जाने को निर्देशित किया। 12 सितंबर को संबंधित पत्र दीपका क्षेत्र के एपीएम कार्यालय ने प्राप्त किया। उक्तानुसार उसे अगली प्रक्रिया करना था। सूचनाओं के अनुसार भूखसिंह कंवर नामक व्यक्ति की जमीन एसईसीएल की परियोजना के लिए पिछले दशक में अर्जित की गई थी। सरकारी प्रावधान के तहत इस पर नामांकित व्यक्ति को यानि उसके परिवार के एक सदस्य को कंपनी में नौकरी मिलना था। कथित रूप से मलगांव के अन्य व्यक्ति ने तिकड़म करते हुए नौकरी हासिल कर ली। सूत्रों ने बताया कि कोरबा जिले के चार क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज से आदिवासी बनकर सैकड़ों लोग नौकरी कर रहे हैं।

पिछले महीने इस कार्यालय के द्वारा राजकुमार साहू एसईसीएल कर्मचारी की नौकरी के संबंध में सीजीएम दीपका को जारी पत्र के संबंध में क्या कुछ जानकारी प्राप्त हुई, यह देखकर ही बताया जा सकेगा।
-अमित केरकेट्टा, तहसीलदार दीपका

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