कोरबा: लापरवाह नौकरशाह, आम जनता के जान की नहीं है परवाह..!

कोरबा 15 अक्टूबर। जिले में पदस्थ नौकरशाहों को आम जनता की सुख- सुविधा से कोई लेना- देना नहीं है। यही क्यों? उन्हें तो आम आदमी के जन की भी कोई परवाह नहीं है। इस बात को समझने में लिए तुलसी नगर केनाल पुल और राताखार- दर्री हसदेव पुल का उदाहरण ही पर्याप्त कहा जा सकता है।

ट्रांसपोर्ट नगर इंदिरा स्टेडियम से राताखार मार्ग पर तुलसी नगर में बांयीं तट नहर पर जोड़ा पुल बना हुआ है। यह काफी व्यस्त मार्ग है। दोपहिया और हल्के चार पहिया वाहनों के साथ ही इस पल से भर मालवाहक और कोरबा से चाम्पा, सकती, खरसिया, बांकीमोंगरा, कुसमुंडा, हरदीबाजार के लिए चलने वाली यात्री बसें भी गुजरती हैं। इस पल का निर्माण नगर पालिक निगम ने किया है। इस पुल की सतह उखड़ चुकी है। पुल का सरिया साफ नजर आ रहा है। इन स्रियों के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। मगर नगर निगम इसके मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

इसी तरह राताखार और दर्री के बीच हसदेव नदी पर बने पुल की सतह भी की स्थानों से उखड़ गए है। पुल में जगह- जगह गड्ढे हो गए हैं और सरिया बाहर आ गए हैं। इस पुल का निर्माण सेतु विकास निगम ने किया है। लेकिन निगम के अधिकारी भी गहरी नींद में गाफिल हैं। पुल के सुधार कार्य में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। इस पुल पर 24 घण्टे पालतू आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। इस पल पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

यहां पर कोरबा के मुख्यमार्ग पर निर्मित इकलौते ओव्हरब्रिज की चर्चा भी जरूरी है। ओव्हरब्रिज के ज्वाइंट पर 6 से लेकर 10 इंच तक चौड़े गेप आ गए हैं। आये दिन इनके कारण छोटे- छोटे हादसे हो रहे हैं, मगर इनके सुधार की ओर भी प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय प्रशासन को जन धन की हानि और लोगों के जन की कोई परवाह नहीं है। नगर के तथाकथित ठेकेदार और जन प्रतिनिधियों को भी आम लोगों की कोई चिंता नहीं है। वे राजनीति की आड़ में नोट छापने के एक सूत्रीय मुहिम में जुटे हुए हैं। शहर के ऐसे छुटभैये नेताओं की अच्छी खासी फौज है। जहां तक नौकरशाहों की बात है तो जेल में बंद कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू पर लगा अभियोग इस वर्ग की हकीकत को बयां करता है।

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