मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुलिस परेड मैदान में किया ध्वजारोहण.. कहा “विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही हमारी सरकार”
पुरखों के कठिन संघर्ष और बलिदान से मिली आजादी
अन्नदाताओं के खाते में धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर 49 हजार करोड़ रूपए की राशि अंतरित
महतारी वंदन योजना से प्रदेश में महिलाएं हो रहीं सशक्त
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में वृद्धि से संग्राहकों को हो रहा लाभ
स्कूलों की अधोसंरचना बेहतर बनाने पीएमश्री योजना के तहत 211 स्कूलों को बनाया जा रहा मॉडल
छत्तीसगढ़ के 77 लाख परिवारों को 5 लाख रूपए तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का मिल रहा लाभ
राज्य के 68 लाख परिवारों को मिल रहा है निःशुल्क राशन
रायपुर 15 अगस्त 2024. मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाने के संकल्प में छत्तीसगढ़ प्रभावी भूमिका अदा कर रहा है। हमारी सरकार विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को लेकर राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए नई-नई योजनाएं तैयार कर रही है। उन्होंने राज्य की जनता को 78वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी के लिए हमारे पुरखों ने अंग्रेजी साम्राज्यवाद के विरूद्ध लंबा संघर्ष किया। उनके बलिदान और संघर्षों के फलस्वरूप मिली आजादी को हमें अक्षुण बनाए रखना है। लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत बनाना है। मुख्यमंत्री श्री साय आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउण्ड में स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में ध्वजारोहण के बाद प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश के स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत माता की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए जो अनथक मेहनत की, उसके सुखद परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्र वातावरण में साँस ले रहे हैं। देश के अन्य हिस्सों की तरह छत्तीसगढ़ में शहीद गेंद सिंह, शहीद धुरवा राव, शहीद यादव राव, शहीद वेंकट राव, वीर गुंडाधुर, शहीद डेबरी धुर, शहीद आयतु माहरा, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे हमारे अनेक ऐतिहासिक नायकों ने अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेकने के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए जनमानस में स्वाधीनता की अलख जगायी। आज जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह हमारे पुरखों के बलिदान का प्रतिफल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर का संविधान आज लोकतंत्र को आगे बढ़ने की राह दिखा रहा है। यह हमारे लिए एक प्रकाश स्तंभ है। बरसों पहले बाबा गुरु घासीदास जी ने समता मूलक समाज का आदर्श हम सबके सामने रखा था, जो बाबा साहेब द्वारा निर्मित संविधान में फलीभूत हुआ। उनके संविधान में कबीर की वाणी का सार भी है, जो भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ समानता प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में भरोसे का संकट सबसे बड़ा संकट होता है। यह तंत्र निश्चित ही जनता का अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा कायम रखने से ही चलता है। छत्तीसगढ़ सरकार की बागडोर संभालने के बाद हमारी सबसे बड़ी चुनौती इसी भरोसे को बहाल करने की थी। हमें यह कहते हुए संतोेष हो रहा है कि हमारी सरकार ने आपसे किये अधिकांश वायदों को पूरा कर विश्वास को फिर से स्थापित किया है। हमारे संविधान निर्माताओं का सपना ऐसे ही मजबूत लोकतंत्र का था, जहां जनता और उसकी चुनी हुई सरकार भरोसे की ऐसी ही मजबूत डोर में बंधी रहे। वास्तव में यह लोकतंत्र का मजबूत रक्षासूत्र है, जिसे कभी भी किसी भी लोकसेवक को कमजोर नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि हमारे राज्य निर्माता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्वर्गीय अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण प्रदेश के व्यापक आर्थिक विकास एवं प्रदेश की सुंदर संस्कृति के संरक्षण के लिए किया। हमारा दायित्व है कि ‘हमने ही बनाया है, हम ही संवारेंगे’ के संकल्प के साथ प्रदेश के नवनिर्माण में पूरी लगन से जुट कर अटल जी का सपना साकार करें। विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देकर हम पूर्वजों की इस परंपरा को आगे बढ़ाने का यश हासिल कर सकते हैं, यही हमारा कर्तव्य भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज के दिन हम उन पूर्वजों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने आपातकाल के कठिन दौर में संविधान की मशाल को बुझने नहीं दिया। देश भर में हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने इमरजेंसी का विरोध किया और इसके प्रतिरोध में जेल की सजा और अन्य यातनाएँ भुगतीं। अगले वर्ष 25 जून को इमरजेंसी के पचास बरस पूरे हो जाएंगे। इस वर्ष ‘‘आपातकाल स्मृति दिवस‘‘ के अवसर पर 25 जून के दिन हमें अपने प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों का आशीर्वाद मिला है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अपने लोकतंत्र सेनानियों के प्रति कृतज्ञता-ज्ञापित करने हेतु पिछले पांच वर्षों से रुकी उनकी सम्मान निधि हमारी सरकार द्वारा पुनः प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज के दिन हम अपने उन जवानों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो हमारे प्रदेश में लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी आतंक से पूरे साहस और जज्बे के साथ मुकाबला कर रहे हैं। बीते आठ महीनों में हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 146 नक्सलियों को मार गिराया है। इस दौरान हमने 32 नये सुरक्षा कैंप खोले हैं और आने वाले दिनों में 29 नये कैंप शुरू करने जा रहे हैं। आज कई वर्षों बाद क्षेत्र की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है, जिसका कारण हमारे वीर जवानों की मेहनत व पराक्रम है।