जिला मेडिकल कॉलेज कोरबा में स्वास्थ्य व्यवस्था का हुआ देहावसान.. 15 घण्टो से पोस्टमॉर्टम के लिए भटक रहे मृतक के परिजन

कलेक्टर कर रहे दूरस्थ क्षेत्रों का निरीक्षण, जबकि जिला मुख्यालय में ही अव्यवस्थाओं का अम्बार

कोरबा 02 अगस्त। कहने को तो जिला मुख्यालय कोरबा नगर में मेडिकल कॉलेज का संचालन किया जा रहा है परंतु स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं की बात करें तो आम जनमानस के भाग्य में निल बटे सन्नाटा ही है। बेहतर जनसुविधा सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर दूरस्थ क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों का परस्पर निरीक्षण कर रहे हैं पर कलेक्टर कार्यालय से ही कुछ दूरी पर स्थित जिला चिकित्सालय सह मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का अम्बार उनके प्रयास पर पानी फेरने का काम कर रहा है।

प्राप्त जानकारी अनुसार वैशाली नगर निवासी एसईसीएल कर्मी दीपक यादव गुरुवार को बाइक दुर्घटना में घायल हो गए थे जिन्हें इलाज के लिए कोरबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था परंतु इलाज के दौरान दीपक यादव ने दम तोड़ दिया। मृतक दीपक यादव के परिजनों ने बताया कि वह बीती रात 10:00 बजे से डॉक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं परंतु अभी तक डॉक्टर के द्वारा पुलिस को मेमो नहीं भेजा गया है जिसके कारण मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।

वहीं इस मामले में जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाउद कुजूर ने बताया कि अस्पताल के द्वारा दीपक यादव की मृत्यु हो जाने के 12 घंटे बाद मेमो भेजा गया था लेकिन उसमें कुछ त्रुटियां थीं जिसके कारण वह मेमो वापस अस्पताल प्रबंधन को भेज दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अभी तक उक्त मेमो को सुधार कर नहीं भेजा गया है। वहीं डॉक्टर से इस विषय पर पूछे जाने पर उनके द्वारा पुलिस से अभद्र व्यवहार किया गया।

बता दे की दीपक यादव की अस्पताल में मृत्यु हुए 15 घंटे से ज्यादा का समय व्यतीत हो चुका है और मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए भटक रहे हैं। अनुमान लगाया जा सकता है कि जब कोरबा जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में मुर्दों को इतना भटकाया जा सकता है तो जीवित इंसानों के साथ क्या क्या होता होगा।

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