अस्पतालों में अव्यवस्था से नाराज हुए मुख्यमंत्री बघेल..सिम्स के डीन व जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को हटाने के निर्देश

बिलासपुर : कोरोना काल में भी अस्पतालों में अव्यवस्था व्याप्त है. प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज का भी कुछ ऐसा ही हाल है. इससे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नाराज हैं. अस्पताल में अनियमितताओं को लेकर सीएम भूपेश ने भी कड़े तेवर दिखाए हैं. उन्होंने सिम्स के डीन और बिलासपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के कमिश्नर डॉ. संजय अलंग को इसकी जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए हैं. चीफ सिकरेट्री आरपी मंडल को सीएम ने निर्देशित करते हुए कहा है कि कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल की अव्यवस्थाएं दुर्भाग्यजनक ही नहीं बल्कि पीड़ादायक है. मुख्मंत्री ने यह फैसला सिम्स की जांच रिपोर्ट के बाद लिया है.

गौरतलब है कि सिम्स की लगातार आ रही शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने हेल्थ विभाग की ज्वाइंट सिकरेट्री डॉ. प्रियंका शुक्ला के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी. प्रियंका कमेटी ने तीन पन्ने की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. कमेटी ने जांच रिपोर्ट में कोरोना के समय सिम्स के ओपीडी से लेकर आईसीयू, लेब की व्यापक अव्यवस्थाओं को उजागर किया है.

कमेटी ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में हैरानी जताई है कि कोविड लेब में 32 तकनीशियन हैं, पांच की और भर्ती होने वाली है. इसके बाद भी मात्र टेस्टिंग की एक शिफ्ट चलाई जा रही है. अस्पताल में व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. ऐसे में एक सिम्स के प्रबंधन के लिए आवश्यक है कि एक सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में एक नियंत्रण दल गठित करना चाहिए.

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