अदाणी पावर कंपनी जल्द करेगा लैंको का अधिग्रहण
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा संयंत्र बनेगा
कोरबा 09 मार्च। पताढ़ी में संचालित लैंको अमरकंटक पावर को अदाणी समूह की अदाणी पावर कंपनी एक पखवाड़े के अंदर अधिग्रहित कर लेगी। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रही नीलामी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कर्ज देने वाली कंपनियां अदाणी पावर के आफर को मंजूर कर रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) को पत्र जारी कर चुकी हैं। अब केवल एनसीएलटी की अधिग्रहण आदेश जारी किए जाने की औपचारिकताएं ही शेष रह गई है। 15 दिन के अंदर यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाने की संभावना है।
लैंको पर अभी 14,632 करोड़ का कर्ज है। वर्तमान में लैंको की 300-300 मेगावाट की दो इकाइयों से 600 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। बिजली की आपूर्ति मध्य प्रदेश व हरियाणा को की जा रही है। दूसरे चरण का निर्माण कार्य वर्ष 2012-13 में 660-660 मेगावाट की दो इकाइयों का शुरू किया गया। लैंको का संचालन अपने हाथ में लेने के बाद अदाणी पावर कंपनी सबसे पहले इस अधूरे संयंत्र का निर्माण कार्य पूरा करेगी। इसके बाद तीसरे चरण के विस्तार कार्य में 660-660 मेगावाट की दो इकाइयों की स्थापना की जाएगी। कुल 3,240 मेगावाट क्षमता वाला यह विद्युत संयंत्र राज्य का सबसे बड़ा संयंत्र बनेगा।
कोरबा- चांपा मार्ग में 1337 एकड़ भूमि में वर्ष 2008-09 से लैंको का प्लांट स्थापित है। दूसरे चरण के विस्तार परियोजना का काम 70 प्रतिशत हो चुका है। इसकी जवाबदारी लैंको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड (एलआइपीएल) को सौंपी गई थी। कंपनी ने पावर फाइनेंस कारपोरेशन से लगभग नौ हजार करोड़ रूपये ऋण लिया था। बताया जा रहा है कि प्रारंभ काल से ही लैंको संयंत्र से आंध्र प्रदेश 300 मेगावाट विद्युत आपूर्ति कर रही थी। बिल के विवाद को लेकर बिल का भुगतान रोक दिया गया। इसके निर्माण के बीच ही कंपनी की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई और काम बंद करना पड़ा। करीब 70 प्रतिशत विद्युत संयंत्र का निर्माण कार्य हो चुका है। देनदारी का विवाद एनसीएलटी में पहुंच गया। नौबत संयंत्र के नीलामी की आ गई। जिंदल ने सबसे बड़ी 4,210 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन बाद में अपनी पेशकश वापस ले ली। इसके बाद कर्ज देने वाले केंद्र सरकार के उद्यम पीएफसी व बैंकों ने एनसीएलटी के समक्ष नए सिरे से बोली आमंत्रित करने की बात रखी थी। तमाम प्रक्रियाओं के बाद अब अंततरू लैंको के संचालन की जवाबदारी अदाणी समूह को मिलने जा रही। छत्तीसगढ़ में अदाणी की यह तीसरा पावर प्लांट होगा।
वर्तमान में लैंको में 500 नियमित अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत है। वहीं आऊटसोर्सिंग पर एक हजार ठेका मजदूर काम कर रहे हैं। संयंत्र निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, उनमें 1759 किसान प्रभावित नौकरी व मुआवजा के लिए अभी भी भटक रहे हैं। कई ऐसी छोटी कंपनियां हैं, जिन्होंने अधूरे विस्तार परियोजना के निर्माण के लिए सामाग्री सप्लाई की है, उनका भी करोड़ों रूपये बकाया है। अदाणी समूह के आधिपत्य में आने की खबर से इन सभी को एक बार फिर नई उम्मीद बंध गई है।