जशपुर : मुख्यमंत्री की घोषणा रह गई धरी की धरी.. डेढ़ साल बाद भी नहीं मिली ट्रामा वैन की सुविधा

जशपुर : सुदूर आदिवासी अंचल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के डेढ़ साल के बाद भी ट्रामा वैन की सुविधा यहां के लोगों को नहीं मिल पाई. इस सुविधा के होने से सड़क हादसे का शिकार हुए लोगों की जान बचाने में तत्काल चिकित्सकीय सहायता मिलती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी की मनमानी से जिलेवासियों को इस सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है. इस पर नाराजगी जताते हुए संसदीय सचिव यूडी मिंज ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने 5 फरवरी 2019 को कुनकुरी में एक सभा को संबोधित करने के दौरान जिले में दो ट्रामा वैन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए संसदीय सचिव यूडी मिंज ने जून 2019 में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मुलाकात कर बजट आबंटित करने का अनुरोध किया था. इस पर उन्होनें खनिज न्यास निधि से ट्रामा वैन खरीदी की अनुशंसा कलेक्टर से की थी.

क्यों अटकी हुई है ट्रामा वैन की खरीदी

स्वास्थ्य मंत्री की इस अनुशंसा पर जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने ट्रामा वैन के लिए डीएमएफ मद से खरीदी के लिए 45 लाख रूपए स्वीकृति दिया था. स्वीकृति के बाद कलेक्टर ने वैन की खरीदी के लिए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को क्रय एजेंसी का प्रमुख बनाया था. मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने खरीदी की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी डीपीएम को दिया है. लेकिन स्वीकृति मिलने के 9 महीने के बाद भी ट्रामा वैन की फाइल NRHM के टेबल में धूल खाते हुए पड़ी हुई है. ट्रामा वैन की खरीदी की प्रक्रिया क्यों अटकी हुई है, इसका जवाब फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी के पास नहीं है.

लंबे समय से ट्रामा सेंटर की मांग

जिले में ट्रामा सेंटर की मांग सालों से की जाती रही है. भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव की पहल पर तत्कालिन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जशपुर में ट्रामा सेंटर निर्माण करने की स्वीकृति दी थी. लेकिन अगस्त 2013 में उनके निधन के बाद तत्कालिन स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने इस प्रस्तावित ट्रामा केन्द्र को राजनांदगांव स्थानांनतरित कर दिया था. उनके इस निर्णय का जिले में तीखा विरोध हुआ था. कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर राजनीतिक तीर भी चले थे.

अब इस मामले में संसदीय सचिव यूडी मिंज ने नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि, ‘ट्रामा वैन की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी. यह सुविधा जिलेवासियों के लिए बेहद अहम है. स्वीकृति और राशि मिलने के बाद भी अब तक खरीदी ना होना स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही है. इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इसके लिए उच्च अधिकारियों से चर्चा करूंगा.’

Spread the word