CG कस्टम राइस मिलिंग विशेष प्रोत्साहन घोटाला : ईडी की जाँच में सामने आई यह जानकारी
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कस्टम राइस मिलिग विशेष प्रोत्साहन घोटाला में 20/10/2023 और 21/10/2023 को मार्कफेड के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और पदाधिकारियों, जिला विपणन अधिकारियों और कुछ राइस मिलर्स के परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया। ईडी ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की है।
आईटी अधिनियम, 1961 और आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत विभाग ने सीजेएम, रायपुर के समक्ष यह आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिमिटेड (मार्कफेड) के 18 अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग करने और करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची। खरीफ वर्ष 2021-22 तक विशेष प्रोत्साहन सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40/- भुगतान किया गया था जिसे बाद में अत्यधिक बढ़ाकर 120/- रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के नेतृत्व में मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर रिश्वत की रकम पहुंचाना शुरू कर दिया। नकद राशि का भुगतान करने वाले चावल मिलर्स का विवरण जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा संबंधित जिला विपणन धिकारी (डीएमसी) को भेजा गया। चावल मिलर्स के बिल प्राप्त होने पर डीएमओ द्वारा संबंधित जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन से प्राप्त विवरण के साथ उसका मिलान करने के बाद यह जानकारी मार्कफेड के मुख्य कार्यालय को भेज दीया गया। मार्कफेड एमडी द्वारा केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों के भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया।
ईडी की जांच से पता चला कि विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिससे 175 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली, जिसे रोशन चंद्राकर ने एमडी मार्कफेड की सक्रिय सहायता से लाभ के लिए एकत्र किया।
दिनाँक 20 व 21 अक्टूबर के तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और बिना हिसाब के नगद 1.06 करोड़ पाए गए और जब्त कर लिए गए। आगे की जांच जारी है।