ब्लैक आउट होने की स्थिति में स्टार्ट अप पावर सप्लाई करने एक माकड्रिल का किया पूर्वाभ्यास
कोरबा 12 अगस्त। आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुनर्संचालित करने के लिए स्टार्ट अप पावर सप्लाई करने एक माकड्रिल पूर्वाभ्यास किया गया। हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से कोरबा पश्चिम ताप विद्युत संयंत्र तक बिजली पहुंचाई गई और संयंत्र चालू किया गया। माकड्रिल सफल होने पर पुन: पुरानी स्थिति बहाल कर दी गई। इस पूरी प्रक्रिया में 1.24 घंटा का समय लगा।
ताप विद्युत संयंत्रों में एकाएक तकनीकी खराबी आने पर पूरी तरह बंद हो जाते हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए संयंत्रों को चालू करने अतिरिक्त बिजली की आवश्यकता होती है, जो जल विद्युत संयंत्र या डीजल जनरेटर डीजी से लेना पड़ता है। विद्युत उत्पादन कंपनी के पास जल विद्युत संयंत्र हैं, तो उससे बिजली लेकर ताप विद्युत संयंत्र चालू किया जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने कंपनी द्वारा वर्ष में दो बार माकड्रिल किया जाता है और बांगो जल विद्युत संयंत्र से ताप विद्युत संयंत्र तक बिजली सप्लाई की जाती है। इस बार भी ताप विद्युत संयंत्र को पुनर्संचालित करने के लिए हसदेव-बांगो जल विद्युत संयंत्र गृह से स्टार्ट अप पावर सप्लाई करने संबंधी एक माकड्रिल किया गया।
छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक उज्जवला बघेल तथा जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक एसके कटियार की विशेष उपस्थिति शुक्रवार को किया गया। इस ब्लैक स्टार्ट माकड्रिल की माानिटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर स्काडा सिस्टम से कर रहे थे। इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार इस तरह का माकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में कार्यपालक निदेशक आरके शुक्ला, डीके चावड़ा, केएस मनोठिया, एके वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, गिरीश गुप्ता तथा जनरेशन कंपनी के कार्यपालक निदेशक एमएस कंवर एवं उनकी टीम उपस्थित रही।
इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता ओपी पांडेय व टीम, कोरबा पश्चिम में अधीक्षण अभियंता एस करकरे एवं उनकी टीम, पारेषण संकाय से कोरबा पूर्व, जमनीपाली, छुरीखुर्द एवं खरमोरा विद्युत उपकेंद्रों से अधीक्षण अभियंता डीएस पटेल एवं टीम, वितरण संकाय से अधीक्षण यंत्री पीएल सिदार व कार्यपालन अभियंता अनुपम सरकार व टीम का कोरबा पूर्व जमनीपाली एवं छुरीखुर्द तथा संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से कार्यपालन यंत्री जेएल उरांव व उनकी टीम ने लगातार नजर रखते हुए प्रक्रिया पूरी कराई। प्लांट चालू करने में लगभग 40 मिनट का वक्त लग गया। माक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेंद्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैंड सब सिस्टम बनाया गया। इसके पश्चात् इस आईलैंड सब सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली सकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की। इसके लिए बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई कमांक तीन को सर्विस में लेकर बांगो उपकेंद्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 केवी लाइनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 केवी उपकेंद्रों तक पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33.11 केवी विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 23 मेगावाट लोड लिया। इसके पश्चात् आईलैंड सब.सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मानीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया।
माकड्रिल करने के लिए वितरण विभाग ने जमनीपाली 132केवी सबस्टेशन अंतर्गत जमनीपाली, दर्री, एचटीपीपी, पावरसिटी, गोपालपुर, बांकीमोंगरा, दीपका, पाली, जटगा, रूमगढ़ा, कोहडिय़ा, दीपका, कुसमुंडा, गेवरा व अन्य स्थान, 100 मेगावाट स्थित सबस्टेशन अंतर्गत 33 केवी बुधवारी, नेहरूनगर, एनसीडीसी व अन्य क्षेत्र, 132 केवी खरमोरा अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र, खरमोरा, कोसाबाडी, राजेन्द्र प्रसाद नगर, निहारिका, घंटाघर, भैसमा व करतला क्षेत्र में बिजली बंद की गई थी। अधीक्षण यंत्री पीएल सिदार ने बताया कि दोपहर 12.30 बजे बिजली बंद की गई। इसके बाद 1.22 बजे सप्लाई यार्ड तक में पहुंचाई गई। दोपहर 2.11 बजे तक सभी 33 केवी लाइन चालू करने के साथ ही थर्मल पावर स्टेशन को सिंक्रानाइज किया गया। माकड्रिल सफल होने पर पुन: पुरानी स्थिति बहाल कर दी गई। इस पूरी प्रक्रिया में 1.24 मिनट का समय लगा।