रेल कारिडोर से प्रभावित किसानों की जमीनों का हो सीमांकन, समाधान नहीं होने से होगा उग्र आन्दोलन

कोरबा 5 अगस्त। ग्राम जवाली, कोलिहामुड़ा, डोकरी खार, राल डोंगरी, मोहनपुर व आसपास के गांव में निवासरत किसान गेवरा रोड. पेंड्रा रोड तक बिछाई जाने वाली रेलवे लाइन की वजह से काफी परेशान हो गए हैं। रेल कारिडोर प्रबंधन ने किसानों की जमीनों को अधिग्रहित कर लिया है। मुआवजा व अन्य मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीण, प्रबंधन के खिलाफ लामबंद होते नजर आ रहे हैं।

किसानों की बाकी बची जमीन पर रेल कारिडोर प्रबंधन द्वारा मिट्टी को डंप कर दिया गया है, इससे किसान अपने खेतों में फसल उगाने से वंचित हो गए हैं क्योंकि उनकी जमीन से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। इससे किसानों में नाराजगी बनी हुई है। वहीं रेल कारिडोर के निर्माण से प्रभावित ग्राम डोकरीखार ग्रामीणों व स्कूली छात्र-छात्राओं का रोड से संपर्क टूट चुका है। इससे गांव के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा नेता एवं खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज्योति नंद दुबे ने प्रभावित गांव जवाली कोलिहामुड़ा डोंगरी राल डोकरी खार मोहनपुर के ग्रामीणों से रूबरू होते हुए निरीक्षण किया। उन्होंने रेल प्रबंधन से मांग की है कि रेल कारिडोर से प्रभावित किसानों की जमीनों का सीमांकन राजस्व हल्का पटवारी द्वारा किया जाएए ताकि ग्रामीणों को पता चल सके कि अधिग्रहण के पश्चात उक्त खसरा नंबर में कितनी जमीन बची है। उन्होंने कहा कि कई प्रभावित किसान ऐसे हैं जिन्हें अभी तक उचित मुआवजा और सुविधा प्रदान नहीं की गई है। यदि प्रबंधन द्वारा किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान नहीं किया जाता हैए तो ग्रामीणों के साथ मिलकर आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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