कोयला खदान में दुर्घटना से मैकेनिक की मौत, नाराज लोगों ने किया घेराव
कोरबा 20 जुलाई। दीपका खदान में बिगड़ी ब्रेकडाउन ट्रेलर में सुधार कार्य कर रहे मैकेनिक की मौत एक अन्य बेकाबू ट्रेलर के आकर टक्कर मार देने से हो गई। लापरवाही पूर्वक वाहन चलाए जाने की वजह से यह घटना हुई। नाराज आसपास के ग्रामीण घटनास्थल पहुंच गए और जहां मैकेनिक कार्यरत था, उस कंपनी का घेराव कर दिए। मृतक के स्वजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई।
साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की दीपका खदान में सीपत स्थित निजी फिल कोलवाशरी का ट्रेलर क्रमांक सीजी 12 एयू 0655 रोड सेल से कोयला लेने खदान के अंदर प्रवेश किया था। रोडसेल से कोयला लोड कर वापस कोल वाशरी जाने खदान से बाहर निकल रहा था कि 25 नंबर काटा की ओर मोड के पहले ट्रेलर ब्रेकडाउन हो गया। सुधार कार्य करने कंपनी के मैकेनिक यशपाल सिंह उम्र 32 साल निवासी बमनीकोना, हरदीबाजार को बुलाया गया। यशपाल स्थल पर ही ट्रेलर में सुधार कार्य कर रहा था। इसी दौरान दूसरी तरफ से कांटा घर की ओर से तेज गति से आ रही एक खाली ट्रेलर क्रमांक सीजी 10 बीएच 6426 के चालक से हाथ बेकाबू हो गया और स्टेयरिंग पूरी तरह मोड़़ दिया। अनियंत्रित गाड़ी ब्रेकडाउन ट्रेलर के केबिन व डाला के बीच के हिस्से में जा घुसा। यहां मैकेनिक यशपाल सुधार कार्य कर रहा था।
ट्रेलर की चपेट में आने से दब गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद अन्य वाहन चालक भी वहां पहुंच गए। साथ ही एसईसीएल के अधिकारी भी स्थल पहुंचे और यशपाल को अस्पताल भेजा। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। उधर यशपाल की मौत की खबर जैसे ही ग्राम बमनीकोना पहुंची, तो उसके स्वजन समेत ग्रामवासी खदान पहुंच गए और घेराव कर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दिए। साथ ही मुआवजा की मांग करने लगे। बाद में समझाइश दिए जाने पर मामला शांत हुआ और ग्रामीण वापस लौटे। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया।
इस घटना के बाद खदान की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिंह लग गया है। खदान के अंदर बिना अनुमति कोई भी व्यक्ति घुस जा रहा है। जबकि खदान में सीआइएसएफ, टीएसआर व विभागीय सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं, पर इनके द्वारा किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने से रोका नहीं जाता है। यही वजह से कई बार दुर्घटना में बाहरी लोग घायल हो जाते हैं या फिर उनकी मौत हो जाती है। मृतक मैकेनिक यशपाल के घर में उसकी पत्नी व तीन साल की बच्ची है। इस घटना के बाद बच्ची के सिर से पिता का साया उठ गया। गांव में शोक की लहर व्याप्त हो गई। बताया जा रहा है कि यशपाल फिल कंपनी में ही मैकेनिक के पद पर कार्यरत करता था और जहां भी गाड़ी खराब होती थी, उसे सुधार कार्य के लिए भेज दिया जाता था।