डायरिया से मृत महिला के परिजनों से मिले पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
पांच सालों से स्वास्थ्य मंत्री ढाई घर की चाल में रहे उलझे, स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प – अमर अग्रवाल
तीन नन्हीं बच्चियों के अरपा नदी में डुबकर हुई मौत पर पूर्व मंत्री ने की जांच की मांग
बिलासपुर 17 जुलाई। शहर के सरकंडा चांटीडीह क्षेत्र में बारिश के पहले हफ्ते में ही डायरिया का प्रकोप तेजी से फैल जाने के कारण सैकड़ों लोग प्रभावित होकरसिम्स, जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पिछले तीन दिनों में चाटीडीह बिलासपुर के तीन नागरिकों का डायरिया की चपेट में आने से दुखद निधन हो गया। आज प्रदेश के पूर्व लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अमर अग्रवाल जी डायरिया की चपेट से मृतक स्व. कमला मिश्रा के परिवार जनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की एवं प्रशासन से अस्पतालों में हाई अलर्ट पर प्रभावितों को हर संभव सुविधा एवं मदद उपलब्ध कराने के साथ मृतक परिवारों को उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की।
जारी विज्ञप्ति में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा प्रदेश के हृदय स्थल न्यायधानी में सैकड़ों लोग डायरिया से भर्ती है, स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प पड़ी हुई है। पांच वर्ष पूरे होने को आए स्वास्थ्य मंत्री जी खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ढाई घर की चाल से पंचायत में उलझे हुए हैं, प्रदेश के मंत्री मण्डल में मची सिर फुट्टवल्ल से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं सहित समस्त कार्य ठप्प पड़े हुए है। महामारी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने का दावा करने वाले शहर के जनप्रतिनिधि लुप्त हो गए है। बारिश पूर्व नियोजन सही इंतजाम नहीं होने से घंटे भर की बारिश में आधा शहर जलमग्न हो जाता है। नालियों में पेयजल आपूर्ति की पाइपलाइन का समय पर निराकरण नहीं करने से बीमारियों की स्थिति बनी है, संबंधित विभागों के द्वारा वाटर टेस्टिंग और दवाओं का छिड़काव नहीं कराया गया, जिससे डायरिया एवं अन्य बिमारियां फैल रही हैं। नगर निगम बिलासपुर से शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण प्रदेश के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर में डायरिया का स्थिति बनी है, लेकिन नगरीय प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
बिलासपुर के कोनी क्षेत्र में हुए हादसे में तीन नन्हीं बच्चियों के अरपा नदी में डुबकर हुई मौत को दर्दनाक बताते हुए श्री अमर अग्रवाल ने कहा रेत माफियाओं की खोदी हुई अरपा नदी के भंवर में फंसकर डूब जाने के कारण ही तीन बच्चियों की मौत हो गई, इस मामले की प्रशासन को जांच करनी चाहिए, परिजनों को उचित मुवावजा दिलाने के साथ दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए, लेकिन सरकार के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि बेखौफ सो रहे हैं और पोस्टरों में अपनी झूठे विकास के नगमे गा रहे है जिसका खामियाजा जनता भुगतना पड़ रहा है।