11 वां वेतन समझौता: अधिकारियों की याचिका से कोयला कर्मियों में नाराजगी

कोरबा 03 जुलाई। कोयला कर्मियों का हुए 11 वां वेतन समझौता के विरोध में अधिकारियों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इससे कोयला कर्मियों में नाराजगी बढ़ गई है। श्रमिक संगठन भी लामबंद होने लगे हैं और बैठक कर अधिकारियों के विरोध खड़े हो रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों की तरह वेतन व सुविधाएं भी कर्मियों को मिलना चाहिए। वहीं एचएमएस के जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पांडेय ने कहा कि कोयला मजदूरों का वेतन किसी भी तरह से नहीं रुकेगा। हाई कोर्ट में बेहतर वकील खड़ा कर मजदूरों को लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

साउथ इस्टर्न कोल फिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल समेत कोल इंडिया अन्य संबद्ध कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों का पिछले माह 11 वां वेतन समझौता हुआ और 19 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनीफिट पर सहमति बनी। जून माह का वेतन नए दर के अनुरूप बनना है। कर्मचारी अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं कि अधिकारियों ने इस वेतन समझौता के विरोध में जबलपुर व बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, उनका कहना है कि डीपीई गाइड लाइन का उल्लंघन करवेतन समझौता लागू किया गया है और कर्मचारियों का वेतन से अधिक हो गया है। इसकी जानकारी मिलते ही कर्मियों में रोष व्याप्त हो गया।

गेवरा में एचएमएस कायालय में इस मुद्दे को लेकर बैठक आयोजित की गई। इसमें हाई कोर्ट में दायर याचिका पर चर्चा की गई। उपस्थित कर्मियों ने याचिका को लेकर आफिसर्स एसोसियेशन के प्रति नाराजगी जताई। इस संबंध में एचएमएस के केंद्रीय अध्यक्ष रेशमलाल यादव ने मोबाइल पर महामंत्री व जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पांडेय से चर्चा की। तब पांडेय ने आश्वस्त किया कि किसी भी परिस्थिति में मजदूरों का वेतन भुगतान रुकेगा नहीं। वेतन भुगतान कराने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे और भुगतान समय पर ही अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि एचएमएस की ओर से बेहतर वकील खड़ा किया जाएगा। बैठक में कोयला कर्मियों ने कहा कि अधिकारियों की तरह मिलने वाली हर सुविधाएं भी उन्हें मिलनी चाहिए।

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