कोयला कर्मियों के 11 वां वेतन समझौता के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका, सुनवाई 03 को
कोरबा 02 जुलाई। कोयले कामगारों केे 11 वें वेतन समझौते के विरोध में 19 अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट व जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका स्वीकृत कर लिया है और बिलासपुर हाई कोर्ट में तीन जुलाई को सुनवाई होगी।
सभी याचिकर्ता एसईसीएल में कार्यरत हैं। सचिव हैवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक इंटरप्राइजेस मंत्रालय नई दिल्लीए कोल सेक्रेटरी, कोल इंडिया चेयरमैन, सीआइएल निदेशक कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध जेबीसीसीआई समेत अन्य को पार्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि सीआइएल में वर्तमान में कार्यकारी कैडर में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। सीआइएल में अधिकारी व गैर अधिकारी दो वर्ग हैं। कर्मचारियों के वेतन समझौता को अंतिम रूप देने के लिए डीपीई ने 24 नवंबर 2017 को निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें कैबिनेट द्वारा विधिवत अनुमोदित किया गया है, जो स्पष्ट रूप से निर्धारित करता है कि श्रमिक के लिए कोई भी वेतन वार्ता और उसे अंतिम रूप देना उक्त अधिसूचना के तहत शर्तों के अधीन है।
कामगारों का वेतनमान इस तरह से तय किया जाना चाहिए कि कार्यकारी अधिकारियों के मौजूदा वेतनमान से अधिक न हों। याचिका में कहा गया है कि वेतन विसंगति को लेकर निरंतर अनुरोध किया गया। क्योंकि पूर्व से ही वेतन ओवरलैपिंग की स्थिति बनी हुई है। जेबीसीसीआइ की बैठकों का जिक्र करते हुए बताया गया है कि इसमें डीपीई की गाइडलाइन को लेकर कोयला मंत्रालय से अनुरोध करने और छूट की मांग करने की भी चर्चा की गई थी। कई आपत्तियों के बावजूद और यह जानते हुए भी कि वेतन में संशोधन का प्रस्ताव डीपीई निदेर्शों के विपरीत होगा, जेबीसीसीआइ.11 ने कोयला मंत्रालय के समक्ष सिफारिश करते हुए राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता को अंतिम रूप दे दिया गया। डीपीई निर्देशों का उल्लंघन होने के बावजूद, कोयला मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया। इससे याचिकाकर्ताओं का नुकसान हो रहा है।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष डीपीई की गाइडलाइन, जेबीसीसीआई की बैठक का ब्योरा, एनसीडब्ल्यूए.11 का एमओयू, वेतन विवाद समेत संपूर्ण जानकारी आंकड़ों के साथ हाई कोर्ट में प्रस्तुत की है। यहां बताना होगा कि कोल अधिकारियों के दो संगठन एआइएसीई व सीएमओएआइ ने भी कोल इंडिया प्रबंधन को वेतन विवाद को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया सीएमओएआइ ने महारत्न कंपनी के बराबर पे. स्केल के अपग्रेडेशन लागू करने की मांग के साथ सीआइएल प्रबंधन के साथ बैठक की थी और सहमति बना ली थी। इस आशय का प्रस्ताव सीआइएल ने कोयला मंत्रालय को भेजा दिया था, लेकिन मामला कोल मंत्रालय में लटक गया। याचिकाकर्ता पी चंद्रकांत का कहना है कि हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है और बिलासपुर हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई तीन जुलाई को होगी।