बिलासपुर में जुटेंगे भाजपा के आरटीआई योद्धा.. चुनावी वर्ष की रणनीति पर होगा मंथन

बिलासपुर 28 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति बैठक कल 29 जनवरी सुबह 10:00 बजे बिलासपुर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत की गई है। प्रकोष्ठ के कार्यालय सह प्रभारी पेशीराम जायसवाल के बताए अनुसार बैठक में भाजपा छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, किरण देव, सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी निरंजन सिन्हा व प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विजय शंकर मिश्रा सहित प्रकोष्ठ के समस्त प्रदेश पदाधिकारी व जिला संयोजक सहसंयोजक उपस्थित रहेंगे। प्राप्त जानकारी अनुसार बैठक में भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा चुनावी वर्ष में प्रदेश की भूपेश सरकार के विरुद्ध रणनीति तैयार करने के साथ-साथ आरटीआई प्रकोष्ठ के द्वारा पिछले 4 सालों में किए गए कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी। कार्यक्रम के सफल आयोजन की जिम्मेदारी प्रकोष्ठ के विधिक सलाहकार अखिलेश साव व ओम प्रकाश साहू सहित प्रदेश कार्यालय सहप्रभारी मुकेश तिवारी, प्रदेश सोशल मीडिया सहप्रभारी सौरभ दुबे, प्रकोष्ठ के बिलासपुर जिला संयोजक लोकेश धर दीवान तथा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नवनीत राहुल शुक्ला को सौंपी गई है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनावी मोड में आ चुकी है। बड़े पैमाने पर प्रदेश संगठन में बदलाव भी किया गया है और बदलाव के साथ ही विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठ की लगातार बैठक लेकर पार्टी के कार्यों में कसावट भी लाई जा रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पिछले चार सालों में भूपेश राज में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। कुछ दिन पहले कोरबा में अमित शाह द्वारा अपनी जनसभा में डीएमएफ फंड में हुए भ्रष्टाचार की बात कह इसका संकेत दे दिया गया था।

वहीं भाजपा के लिए सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ प्रदेश की भूपेश सरकार में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बहुत ही घातक हथियार साबित हुआ है। चाहे वह कोरोना काल में हुई बेहिसाब खरीदियों का विषय हो या गोबर खरीदी और गौठनों की दुर्दशा, सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ ने भूपेश सरकार की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक ओर जहाँ कोविड कॉल में रायपुर नगर निगम द्वारा स्थापित क्वॉरेंटाइन सेंटर हेतु सामग्री खरीदी में हुए घोटाले का पर्दाफाश होने पर भूपेश सरकार को अच्छी खासी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी, तो दूसरी ओर राजधानी भर में किसानों को सौर ऊर्जा चलित पंपों के वितरण को लेकर लगाए गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पोस्टरों को आरटीआई प्रकोष्ठ के खुलासे के बाद हटाना पड़ गया था। वहीं समय समय पर प्रकोष्ठ के द्वारा विभिन्न निर्माण एजेंसियों में हो रहे करोड़ों रुपये के घोटालों का पर्दाफाश नियमित रूप से किया जा रहा है जिस कारण सरकारी नुमाइंदों के माथे पर चिंता की लकीरें बनी हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ भूपेश सरकार के गले की फांस साबित हुआ है।

यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व अपने सबसे सक्रिय प्रकोष्ठ की इन गतिविधियों को तीव्रता प्रदान करने तथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर अपने वार की धार तेज करने की मंशा में हैं। देखना होगा कि चुनावी वर्ष में सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के कौन-कौन से खुलासे भूपेश सरकार का सिर दर्द बनकर सामने आते हैं।

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