जिले में पौष पूर्णिमा छेरछेरा का पर्व मनाया गया

कोरबा 06 जनवरी। शहर से लेकर अंचल में आज पौष पूर्णिमा पर छेरछेरा मनाया गया। समृद्धि की आस के साथ लोगों ने दान.पुण्य की परंपरा में विश्वास जताया। हर तरफ छेरछेरा की आवाज सुनाई दी और खासतौर पर बच्चों में उत्साह दिखा। खरीफ की मुख्य फसल धान की कटाई के साथ किसानों को खेतों से निश्चित समय तक सहूलियत मिलने केअलावा खेती को लाभ का सौदा बनाने की भावना इस परंपरागत पर्व के साथ जुड़ी हुई है। अच्छी फसल की खुशी और भविष्य में और भी ज्यादा पैदावार के साथ समृद्धि प्राप्त होने की भावना से खेतीहर किसान के अलावा दूसरा वर्ग भी अपने उत्पादन की कुछ मात्रा अथवा दूसरे प्रतीकों को दान.पुण्य का हिस्सा बनाता है। जमाने से चली आ रही इस रीत को अभी भी छेरछेरा पर निभाया जा रहा है।

पौष पूर्णिमा के अवसर पर कोरबा नगर के साथ उपनगरीय इलाके और ग्रामीण अंचल में कड़ाके की ठंड की परवाह न करते हुए बच्चों का समूह छेरछेरा मांगने के लिए एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में पहुंचा। सभी क्षेत्रों में बच्चों को लोगों से उनकी अपेक्षा के अनुरूप दान प्राप्त हुआ। घरों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी लगभग यही नजारा देखने को मिला। ग्रामीण अंचल में कहीं.कहीं आयोजन भी किए गए और अन्नपूर्णा का भंडार सदैव भरे रहने के लिए कामना की गई। लोगों ने बताया कि प्राचीनकाल से इस प्रकार के पर्व लोगों के जीवन का हिस्सा रहे हैं और इनसे जुड़ी मान्यताओं का भरपूर पोषण पीढिय़ों की ओर से होता रहा है। छेरछेरा पर परंपरा को आगे भी जीवंत रखने का संकल्प दोहराया।

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