मुख्यमंत्री भूपेश की उप सचिव सौम्या चौरसिया की ईडी को चार दिन की रिमांड मिली

रायपुर 2 दिसम्बर। मनी लांड्रिग व कोयला खनन के साथ-साथ उगाही मामले में ईडी की गिरफ्त में आई सौम्या चौरसिया की ईडी को चार दिन की रिमांड मिल गई है। आज दोपहर ईडी ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया था जहां ईडी ने और जानकारी व पूछताछ के लिये 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन सौम्या चौरसिया के वकील फैजल रिजवी की आपत्ति व उस पर हुई बहस के बाद विद्वान न्यायाधीश ने ईडी की 14 दिन की रिमांड की बजाए मात्र चार दिन की रिमांड स्वीकार की।

इस मामले में सौम्या चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईडी ने कोर्ट में यह कहा है कि सौम्या चौरसिया ने माता के नाम से जो जमीनें थीं उसे बेचकर जो जमीनें ली है और रिश्तेदार के नाम पर जो जमीन ली है, उसकी खरीदी बिक्री में यह आरोप है कि जो जमीनें कम मूल्य पर ली गई थी वह ज्यादा मूल्यो पर बेची गई। जो जमीनें हैं वो इनके नाम से नही है रिश्तेदारों के नाम से है और इस मामले में सौम्या चौरसिया ने कहा कि जो जमीनें है वो मेरे पिता जी के नाम से थी जो पुरानी जमीनें है और वो जमीन बेचकर हमने दूसरी जमीन नही ली है बल्कि डायवर्ट हुई जमीनों के चलते उनके मूल्य बढ़ गए हैं। इनका कोई कोल कनेक्शन भी नही है।

बातचीत के दौरान सौम्या चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने यह भी बताया कि हो सकता है कि जो पैसे हो वे कोल के हो सकते हैं लेकिन यह केवल अनुमान है और यह ईडी का अनुमान कोर्ट के सामने बताया गया है और जो रिमांड फार्म ईडी ने भरा है उसमें यह बताया गया है कि जो जमीनें सौम्या चौरसिया ने खरीदी है वह कम में खरीद कर ज्यादा मे बेची गई है और उनकी मुव्वकील ने कोर्ट को बता दिया है कि यह दायरा इंकम टैक्स के तहत आता है और उन्होंने इंकम टैक्स को यह जानकारी दे दी है।

अधिवक्ता फैजल रिजवी ने यह भी बताया कि ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने चार दिन की रिमांड दी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद आगामी 6 दिसंबर को चार बजे फिर से पेश करने को कहा गया है और इस दौरान महिला मानव अधिकार के समस्त नियमों का पालन करने को कहा गया है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की रसूखदार डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया। 4 घंटे की पूछताछ के बाद एजेंसी उन्हें कोर्ट लाई है। सौम्या से 7 बार की पूछताछ के बाद आज यानी 2 दिसंबर को जब फिर बुलाया गया। फिर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी की टीम ने कोर्ट से सौग्या चौरसिया का 14 दिन का रिमांड मांगा। इसके पीछे ये तर्क दियाकि ईडी की टीम को गवाहों से जो साक्ष्य मिले हैं उनका क्रॉस वेरिफिकेशन कराना है। वहीं कोर्ट ने सशर्त 4 दिन का रिमांड मंजूर किया। सौम्या के वकील को प्रतिदिन 1 घंटे बातचीत करने और कोर्ट की कार्यवाही देखने की अनुमति दी गई है। लेकिन सुन नहीं सकता है।

कोर्ट में क्या बोली सौम्या

कोर्ट में सौम्या चौरसिया ने एडीजे अजय सिंह राजपूत से कहा कि ईडी के अधिकारी मुझे जमीनों के मामलों को लेकर आरोपी बना रहे हैं जबकि संबंधित जमीनें मेरी मां और अन्य परिजनों के नाम पर हैं। जमीनों का डायवर्जन होने से उनकी कीमतें बढ़ गईं हैं।

कोयला सिंडिकेट से व्यापक धन की उगाही

ईडी के वकील सौरभ कुमार ने कोर्ट को बताया कि कोल सिंडिकेट के जरिए धन की व्यापक उगाही की गई है। इसका विस्तृत ब्यौरा कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में मिलता है। इस डायरी में जब-जब रकम को लेकर एंट्री की गई तब-तब ये पाया गया है कि जमीनों और अन्य अचल संपत्ति में निवेश किया गया है।

जानिए कौन हैं सौम्या..?

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया राज्य प्रशासनिक सेवा की वही अधिकारी हैं जो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सचिवालय में बतौर उप सचिव नियुक्ति हुई थीं। सरकार में अपने जबर्दस्त दखल और रसूख के चलते सौम्या चौरसिया देखते ही देखते शासन-प्रशासन की प्रमुख धुरी बन गईं। छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने वाले जानते हैं कि सरकार में सौम्या चौरसिया इस कदर प्रभावी हैं कि मामला चाहे सरकार से जुड़ा हो अथवा राजनीति से अंतिम फैसला डिप्टी सेक्रेटरी चौरसिया की हरी झंडी मिलने के बाद ही होता है। हालत ये है कि कांग्रेस सरकार में कई वरिष्ठ आईएएस अफसरों का कद भी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या के आगे बौना नजर आता है। राज्य में छोटे- बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग से लेकर प्रदेश सरकार की नीति-कार्यक्रमों से संबंधित फैसले भी उनकी मंजूरी से ही फाइनल होते हैं।

Spread the word