कोयला मंत्रालय के सचिव ने गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान का निरीक्षण किया
कोरबा 14 नवम्बर। केंद्रीय कोयला मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद अमृतलाल मीना रविवार को पहली बार कोरबा जिले में एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं के दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने कोयला उत्पादन और डिस्पैच के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण उत्पादन और उत्पादकता पर जोर देते हुए अधिकारियों से कहा कि कोल इंडिया के लक्ष्य अनुरूप कोल प्रोडक्शन पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए एसईसीएल के मेगा परियोजनाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है। इसको ध्यान में रखकर काम में और तेजी लाने की जरूरत है।
चालू वित्तीय वर्ष में एसईसीएल को 700 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य सौंपा है। अप्रैल 2021 से लेकर अब तक कोल इंडिया में संचालित खदानों से लगभग 375 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है, जबकि वित्तीय वर्ष के शेष बचे अवधि लगभग साढ़े 4 माह में 325 मिलियन टन कोयला उत्पादन की चुनौती बनी हुई है। इस लक्ष्य को हासिल करने पूरा दारोमदार एसईसीएल की जिले में स्थित मेगा परियोजना कुसमुंडा, दीपका और गेवरा परियोजना पर है। यही कारण है कि कोयला मंत्रालय के उच्च अधिकारियों का कोरबा की खदानों का दौरा हो रहा है। बता दें कि एसईसीएल को चालू वित्तीय वर्ष में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। जिसके मुकाबले अब तक कंपनी ने लगभग 80.40 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है, लेकिन साढ़े 4 माह में 100 मिलियन टन से ज्यादा कोयला उत्पादन करने का दबाव कंपनी पर बना हुआ है। माइंस के अवलोकन के दौरान कोयला सचिव के साथ एसईसीएल सीएमडी डॉक्टर प्रेम सागर मिश्राए निदेशक तकनीक एसके पाल, निदेशक वित्त जी श्रीनिवासन, महाप्रबंधक एसके मोहंती व दीपिका महाप्रबंधक रंजन प्रसाद साह व कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा व कोर कमेटी के अधिकारी उपस्थित रहे।
चालू वित्तीय वर्ष में जिले में कोरबा, कुसमुंडा, दीपका और गेवरा खदान से अब तक 63 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया गया है। हालांकि इस वित्तीय वर्ष में जिले की खदानों से 130 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्खनन किया जाना है। मानसून के दौरान उत्पादन पिछड़ गया था हालांकि इसके बाद कोयला उत्खनन में कुछ तेजी आई है। आगामी समय में इसमें और भी तेजी की उम्मीद है। कोयला उत्पादन और संचालन गतिविधियों का अवलोकन करने के लिए पहुंचे केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल ने लक्ष्य के अनुरूप कोयला उत्पादन और डिस्पैच पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए भागीदारी पर प्रत्येक कोल इंडियन को गर्व होना चाहिए। कोयला सचिव ने कार्य संचालन व खनन गतिविधियों का निरीक्षण करने के साथ ही खनन कार्य मे आ रही बाधाओं दूर करेंगे।
केंद्रीय कोयला सचिव ने मेगा परियोजना गेवरा से दौरे की शुरुआत की। यहां खदान के बाद अमृत लाल मीना ने कोयला डिस्पैच और साइलो सिस्टम का अवलोकन किया। उसके बाद दीपका और फिर कुसमुंडा खदान पहुंचे। यहां भी उन्होंने व्यू प्वाइंट से माइंस का अवलोकन किया और खदान के पैच पर जाकर उत्पादन कार्य की जानकारी ली। कोल सचिव अमृत लाल मीना गेवरा दीपका के बाद कुसमुंडा एरिया का निरीक्षण किया। यहां सबसे पहले कुसमुंडा साईलो पह़ुंचे जो कि फ़स्र्ट माइल कनेक्टिविटी;एफ़एमसी के अंतर्गत एसईसीएल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके बाद व्यू प्वाइंट व माइन सेफ़्टी के आधुनिक उपकरण ष्स्लोप स्टेबिलिटी राडार का अवलोकन किया।