वायु प्रदुषण : BPCL, HPCL समेत 4 फर्मों पर एनजीटी ने ठोंका 286 करोड़ रू. का जुर्माना

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मुंबई में कुछ क्षेत्रों में वायु प्रदुषण से “गैस चेंबर” बनाने के लिए जिम्मेदार बीपीसीएल और एचपीसीएल सहित चार कंपनियों को दोषी ठहराते हुए उन पर पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए 286.2 करोड़ का जुर्माना ठोका है।

एनजीटी ने कहा कि वायु प्रदुषण के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सी लॉर्ड कंटेनर लिमिटेड (एसएलसीएल), एजिस लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एएलएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) महुल और अंबापाड़ा गांवों में वायु प्रदुषण फैलाने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

लंबे समय तक हानिकारक वायु प्रदूषकों के बढ़े स्तर पर रहने से भी मनुष्य के फेफड़े और अन्य अंग कमजोर हो सकते हैं। ट्रिब्यूनल ने कहा कि क्षेत्र में वायुमंडल परिस्थितियां कभी-कभी गैस चैंबर ’के समान होती हैं।

एनजीटी ने एचपीसीएल पर 76.5 करोड़, बीपीसीएल को, 67.5 करोड़, एजिस को 142 करोड़ और एसएलसीएल को 0.2 करोड़ रूपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दस सदस्यीय संयुक्त समिति में पर्यावरण के उपायों के लिए कार्य योजना तैयार कर सकते हैं।

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