अहिरण नदी में डूबे दोनों बच्चों का शव बरामद

कोरबा 31 अगस्त। बीते मंगलवार का दिन कुसमुंडा क्षेत्र के लिए बहुत ही दु:खद व हृदय विदारक रहा, कीचड़ में सायकल चलाने के बाद नहाने गए दो स्कुली बच्चे नदी मे डूब गए, नगर सेना व स्थानीय लोगो की मदद से एक बच्चे का शव कल ही बरामद कर लिया गया था, वहीं दूसरे बच्चे के शव को आज सुबह नदी के किनारे में तैरता हुआ मिला।

जानकारी के अनुसार जिले के कुसमुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत विकासनगर एमडी कॉलोनी निवासी प्रमोद बनवाले एवं प्रकाश दास महंत के 2 लगभग 10 से 11 वर्ष के बीच उम्र के बच्चे एम डी कॉलोनी के नीचे अहिरन नदी में नहाने गए थे जैसे ही नदी में नहाने के लिए उतरे वह गहराई में चले गए और डूब गए हैं, बच्चों के अन्य साथियों ने इसकी सूचना मोहल्ले वासियों को दी, सभी तत्काल मौके पर पहुंचे वही इस घटना की सूचना के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई, यह घटना इतनी ह्रदय विदारक थी कि जिसने भी सुना उसका मन पसीज गया, महज 10 -11 साल के बच्चे नदी में डूब गए। बताया जा रहा है कि दो दिन तीज व गणेश चतुर्थी की छुट्टी थी ऐसे में कॉलोनी के 4 से 5 बच्चे मस्ती करने के लिए साईकिल से निकले, सबसे पहले वे विकास नगर गुरुद्वारा के सामने स्थित गार्डन गए जहां पर ताला बंद होने की वजह से हुए हिंदी स्कूल मैदान आ गए वहां उन्होंने साइकिलिंग की, कीचड़ होने की वजह से उनकी साइकिल व हाथ पैर गंदे हो गए, वापस घर आते वक्त दो बच्चे सीधे नदी की ओर निकल गए बाकी तीन बच्चे घर जाने लगे कुछ देर बाद जब दो बच्चे वापस घर नहीं आए तो तीनों बच्चे फिर नदी की ओर अपने दोस्तों को देखने चले गए, बताया जा रहा है कि जैसे यह तीनों बच्चे नदी के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक बच्चा डूब रहा है उसका हाथ दिखाई दे रहा है, बच्चे छोटे थे उन्होंने यह देखते ही आसपास के लोगों और घर वालों को इसकी सूचना दी, सभी भागे दौड़े नदी के पास आए नदी के किनारे देखा कि दोनों बच्चों की साइकिल व कपड़े पड़े हुए हैं इससे यह अंदाजा लगाना आसान हो गया कि बच्चे कहीं ना कहीं नदी में बह गए हैं। घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई कुसमुंडा थाना प्रभारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों द्वारा रेस्क्यू किया गया वहीं कोरबा नगर सेना को भी सूचना दी गई वह भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू शुरू कर दी कुछ घंटों पश्चात तन्मय महंत का शव नदी से निकाला गया जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

वहीं दूसरे बच्चे गर्व बनवाले को देर रात तक नहीं ढूंढा जा सका अगले दिन ढूंढने की बात कहकर सभी वहां से चले गए परंतु गर्व बनवाले के परिजन अपने आंखों के तारे को अकेला छोड़कर नही गए, वे एक-एक कर रात भर नदी किनारे आते रहे, तड़के सुबह जब फिर परिजन नदी किनारे बच्चे को ढूंढ रहे थे तभी घटनास्थल से सो डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर बच्चे का शव नदी के किनारे ऊपर देखा गया, जब तक बच्चे का शव नहीं मिला था परिजनों को बहुत बड़ी आस थी कि बच्चा डरकर कहीं चला गया होगा, परंतु उनकी यह आश आज उनकी टूट गई और जैसे ही बच्चे का शव सामने आया सभी का कलेजा फट गया, इस दुखद और अत्यंत हृदय विदारक घटना में एक ओर जहां दो परिवारों के मासूमों की जान चली गई वह पूरा कुसमुंडा क्षेत्र भी गमगीन हो गया है।

आपको बता दें कुसमुंडा क्षेत्र की है यह अहिरण नदी लाखों लोगों को जीवन रूपी पानी देने के साथ-साथ सैकड़ों लोगों के जीवन को लील लेती है, बीते कई दशकों में सैकड़ों लोग इस नदी में अपनी जान गवा बैठे हैं अब आगे लोगों को यह समझना होगा, ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चे किसी भी सूरत में नदी के किनारे ना जाए, ताकि इस तरह की घटना की फिर से पुनरावृत्ति ना हो।

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