अधिकारी व कर्मचारी गए हड़ताल पर, कामकाज ठप्प


कोरबा 25 जुलाई। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ते डीए और मकान किराया एचआर की मांग को लेकर आज से राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों के पांच दिवसीय हड़ताल पर चले जाने के कारण सरकारी कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह ठप्प हो गया। कई कार्योंलयों के ताले भी नहीं खुले। स्कूलों में भी तालाबंदी की। जिससे लोग अपनी आवश्यक सरकारी कामकाज के लिए भटकते नजर आये।

हड़ताली एवं कर्मचारियों के अनुसार अभी केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि उन्हें महज 22 फीसदी मिलता है। ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शासन से कई बार महंगाई भत्ता व मकान किराया को बढ़ाकर केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समान दिये जाने की मांग की गई, लेकिन सरकार का रवैय्या उदासीन बना रहा। इस हेतु फेडरेशन की ओर से अल्टीमेटम भी दिया गया था और कहा गया था कि यदि डीए बढ़ाने संबंधी उनकी मांगे 24 जुलाई तक नहीं मानी गई तो 25 जुलाई से राज्य सरकार के सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने हक के लिए आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे। उनकी हड़ताल 29 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान किसी प्रकार की यदि अप्रिय स्थिति बनती है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। अल्टीमेटम की अवधि पूरी होने के बाद छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर आज सुबह से जिले के अधिकारी व कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए। अधिकारी एवं कर्मचारियों ने सामुहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में तानसेन चौक पर धरना प्रदर्शन किया और डीए व एचआरए बढ़ाने की मांग की। जबकि विकासखंड स्तर के अधिकारी व कर्मचारी विकासखंड मुख्यालय में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके लिए जहाए पोड़ी उपरोड़ा एवं कटघोरा ब्लाक के अधिकारी.कर्मचारी कटघोरा पहुंचकर धरना प्रदर्शन किये वहीं पाली क्षेत्र के अधिकारी व कर्मचारियों ने वहां पर धरना प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किये जाने की सूचना मिली है। अधिकारी एवं कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सरकारी कार्योलयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया। हड़ताल को शिक्षकसंघ, पटवारी संघ व अन्य कर्मचारी संगठनों का समर्थन प्राप्त है, शो इससे जुड़े लोग भी इसमें शामिल होकर अपनी मांगे रखी।

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