कोरबा-उरगा के बीच ऑटो सिग्नल प्रणाली नहीं, यात्री गाड़ियां लेट

कोरबा 24 जून। उरगा से कोरबा के बीच रेलवे लाइन पर ऑटो सिग्लिंग की व्यवस्था नहीं है। इस कारण इस मार्ग पर यात्री गाडिय़ों के परिचालन में रेलवे को परेशानी आ रही है। इधर रेलवे प्रबंधन कोयला लदान को प्राथमिकता दे रही है। इस कारण कोयला से लदी 60 से 150 से अधिक वैगन वाली मालगाडिय़ों की रवानागी की जा रही है। इसके लिए यात्री ट्रेनों को उरगा या फिर आउटर पर खड़ी कर दी जाती है। इससे यात्री घंटों परेशान होते हैं।

एसईसीआर बिलासपुर डिविजन अंतर्गत कोरबा रेल खंड में मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों का सबसे अधिक दबाव है। इसके बाद भी अभी तक कोरबा रेल खंड में आधुनिक सिग्नल प्रणाली ऑटो सिग्लिंग नहीं की गई है। कोयला लदान जोरों पर है, लेकिन जिस लाइन पर प्राथमिकता से आधुनिक व्यवस्था शुरू करनी है वहां व्यवस्था में देरी की जा रही है। उरगा से कोरबा के मध्य दो ही रेल लाइन है। इसमें भी आधुनिक सिग्नल प्रणाली की व्यवस्था नहीं होने से यात्री ट्रेनों को ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पाता और उरगा व आउटर पर आए दिन हसदेव एक्सप्रेस, लिंक एक्सप्रेस, पैसेंजर सहित अन्य यात्री ट्रेनों को काफी देर तक खड़ी कर दी जाती है। इस कारण यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। बावजूद इसके रेलवे प्रबंधन गंभीर नहीं है।

बताया जा रहा है कि कोरबा रेलवे स्टेशन में लॉगहॉल , दो मालगाड़ी, मालगाडिय़ों को खड़ी करने के लिए रेल लाइन नहीं है। इसके बाद भी रोजाना कोयला से लदी चार से पांच लॉगहॉल मालगाड़ी दौड़ाई जा रही है। लॉगहॉल परिचालन के दौरान कहीं रेड सिग्नल मिलने पर पूरा रेल लाइन ब्लॉक हो जाता है। जब तक इसकी रवानगी नहीं होती तब तक मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों को परिचालन बाधित रहता है। इसलिए भी परेशानी हो रही है। एसईसीआर बिलासपुर डिविजन अंतर्गत में अभी तक केवल दो ही रेल लाइन पर आधुनिक सिग्नल प्रणाली शुरू हो सकी है। इसमें बिलासपुर से घुटकू तक व जयरामनगर रेलवे स्टेशन तक ही ऑटो सिग्नल लगा है।

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