दीपका में मनाया गया ग्लोबल डे ऑफ पैरेन्टस

कोरबा 2 जून। कहा जाता है कि भगवान हर किसी के घर नहीं आ सकते इसलिए अपने प्रतिरुप के स्वरुप माता-पिता को हर किसी के घर भेजते हैं। माता-पिता की महिमा को शब्दों में बाँधना नामुमकिन है। कहा जाता है जहाँ सारा संसार सिमट जाता है वह स्थान माँ का आँचल होता है।   

दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में माता-पिता के इसी सदा और शाश्वत महत्व को बरकरार रखने व माता-पिता का जीवन में महत्व बताने के उद्देश्य से ऑनलाइन ग्लोबल डे ऑफ पैरेन्टस्य का आयोजन किया गया। नर्सरी कक्षा से लेकर कक्षा आठवीं तक के लगभग सभी विद्यार्थियों के माता-पिता ने इस कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए । ऑनलाइन के इस कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों ने अपने माता-पिता के माथे पर तिलक लगाकर एवं दीपक जलाकर एवं पुष्प अर्पित कर विधिवत रुप से पूजन कर किया। सभी बच्चों ने माता-पिता के चरण छूकर आशिर्वाद लिया। आनलाइन कार्यक्रम में अभिभावक राजवीर नरवाल कहा कि माता-पिता के द्वारा अपने बच्चों के लिए उठाए जाने वाले कष्टों को केवल माता-पिता बनकर ही अनुभव किया जा सकता है। अन्य अभिभावक प्रदीप बारीक कहा कि माता-पिता जीवन में सिर्फ  एक बार ही मिलते है और इनकी तुलना दुनिया के किसी भी वस्तु से नहीं की जा सकती, ये अनमोल हैं।   

प्री.प्रायमरी शिक्षिका श्रीमती रूमकी हलदर ने कहा कि हम जीवन पथ पर चाहे कितनी भी ऊँचाई पर पहुँचें हमें कभी भी अपने माता-पिता का सहयोग, उनके त्याग और बलिदान को नहीं भूलना चाहिए। विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने आगंतुक सभी अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज संसार में यदि हमारा कुछ भी अस्तित्व है या हमारी इस जगत में कोई भी पहचान है तो उसका संपूर्ण श्रेय हमारे मात-पिता को ही जाता है। यही कारण है कि भारत के आदर्ष पुरुषों में से ऐसे ही भगवान श्री राम ने अपने माता-पिता के एक आदेश पर ही युवराज पद का मोह त्याग दिया और घर चले गए। माता-पिता सदैव हमें सद्मार्ग में चलने की प्रेरणा देते हैं।

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