भू-विस्थापित परिवार ने रोजगार के लिए दी सामुहिक आत्मदाह की चेतावनी

कोरबा 29 मई। एसईसीएल प्रबंधन द्वारा कोयलांचल में कुसमुण्डा खदान के लिए कई गांवों की जमीने अधिग्रहित की गई है। प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले भू-विस्थापितों को रोजगार, पुर्नवास व मुआवजा दिये जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन जमीन अधिग्रहण को कई साल हो गये लेकिन भू-विस्थापितों को आज तक न तो रोजगार ही मिल पाया है और न ही पर्याप्त मुआवजा व पुर्नवास। इसके लिए लगातार कार्यालय का चक्कर कटवाया जा रहा है। वे दर-दर की ठोकरे खाने को विवश है। भू-विस्थापितों में गहरा आक्रोश भी
है। एसईसीएल प्रबंधन की वादाखिलाफी से परेशान एक भू-विस्थापित परिवार ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर अब सामुहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है।   

कलेक्टर कोरबा के मारफ त प्रेषित ज्ञापन में छुरीकला निवासी कुमारी सीमा पिता स्व.श्यामसुंदर ने कहा है कि उसके पिता के नाम ग्राम भैसमा खार राजस्व निरीक्षक मंडल दीपका में भूमि खसरा नंबर 246/4 रकबा 0.041 हे राजस्व अभिलेख में दर्ज रहा है। जिसे एसईसीएल प्रबंधन कुसमुण्डा के द्वारा कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित किया गया है। भूमि के बदले रोजगार के लिए उसके पिता श्याम सुंदर द्वारा वर्ष 2004 में नामांकन भरा गया था। लेकिन रोजगार नहीं मिल पाया था। इसके लिए चक्कर काटते-काटते उसके पिता की मानसिक व आर्थिक संतुलन बिगड़ गया और मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद उक्त अधिग्रहित भूमि पर रोजगार व पुर्नवास के लिए भाई शिवशंकर द्वारा नामंाकन भरा गया जो लगातार एसईसीएल कार्यालय का चक्कर काट रहा है। पिता के देहांत के बाद उनकी स्थिति और खराब हो गई है। पूरा परिवार मानसिक, आर्थिक व शारीरिक रूप से अत्यनंत दुखी है। अब हम स परिवार आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने के लिए विवश हो रहे है। मांग है कि अधिग्रहित भूमि पर 15 दिनों के अंदर एसईसीएल कुसमुण्डा में रोजगार दिलाई जाये। यदि उनकी मांगे उक्त मियाद में पूरी नहीं हुई तो उसके बाद सपरिवार आत्मदाह के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सारी जवाबदारी एसईसीएल के अधिकारियों की होगी।

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