पुलिस ने तैयार किया साइबर क्राइम पाठ्यक्रम, शिविर लगार पढ़ाएंगे बच्चों को

कोरबा 9 मई। इंटरनेट की दुनिया ने लोगों के कामकाज को एक ओर आसान कर दिया है तो दूसरी ओर इसका दुरूपयोग भी किया जाने लगा है। खासतौर पर आपराधिक तत्व इस माध्यम का जमकर फायदा उठा रहे हैं। जरा सी भी असावधानी हमारी प्रतिष्ठा को तो नुकसान पहुंचा सकती है साथ ही आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है। आजकल कम उम्र के बच्चें भी मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं, ऐसे में पुलिस ने साइबर क्राइम से सतर्क करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम की तर्ज पर एक पुस्तक तैयार की गई है। पुलिस के अधिकारी इसे विशेष शिविर लगार बच्चों को पढ़ाएंगे।   

जिला पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने पुलिस व जनता के बीच दूरी करने कई अभिनव योजनाएं शुरू की है इसमें स्कूल के संग, खाकी के रंग, अंजोर रथ और तुंहर पुलिस तुंहर दुआर जैसे योजनाएं शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक पटेल ने बच्चों को साइबर क्राइम से सतर्क रहने का एक और नया प्रयास शुरू किया है। उनका मानना है बदलते दौर में साइबर क्राइम सबसे बड़ी चुनौती है। आधुनिक तकनीक से हर वर्ग जुड़ रहा। इंटरनेट से जुड़ी आधुनिक सुविधाओं ने कई काम आसान कर दिए हैं, मसलन घर बैठे ई.बैंकिंग, पे.टीएम समेत ऐसे कई एप हैं जिससे हमे बैंक व कई दफ्तरो का चक्कर नहीं काटना पड़ता। आम लोगों को इंटरनेट मीडिया सुविधा उपलब्ध करा रही पर अपराधियों के लिए ठगी का जरिया बन गया है। इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना, जाते हैं। कभी बैंक अधिकारी तो कभी बीमा विभाग के कर्मचारी के तौर लोगों को आन लाइन ठगी का शिकार बना रहे। यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिले में 70 से 80 आनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे। पुलिस अधीक्षक पटेल का कहना है कि हमे नई पीढ़ी का शुरू से ही जागरूक करना होगा। इसलिए स्कूल साइबर क्राइम सतर्कता का पाठ पढ़ान की योजना बनाई गई है। इसकी जवाबदारी साइबर सेल के प्रभारी कृष्णा साहू को सौंपी गई है। साइबर सेल से जुड़े अधिकारी कर्मचारी स्कूल पहुंचकर बच्चों साइबर अपराध से बचने के तरीके बताएंगे ही, साथ ही नगर निरीक्षकों को भी क्रमवार जवाबदारी सौपी जाएगी।   

साइबर सेल प्रभारी कृष्णा साहू ने बताया कि कक्षा छठवीं से आठवीं व कक्षा दसवीं से बारहवीं के लिए अलग-अलग विषय के पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। 180 शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पुलिस के अधिकारी स्कूलों के प्रार्चायों से समय व दिन निर्धारित कर कक्षाएं लेंगे। पहले चरण में मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण में प्रायमरी स्कूल के बच्चों को शामिल करेंगे।   

तेजी से बढ़ती साइबर अपराध की घटनाओं से न केवल जिले के आला अधिकारी चिंतित हैं बल्कि राजधानी स्थित अफसरों को भी इसकी रोकथाम की चिंता सता रही है। राज्य के सभी जिलों में इसके लिए विशेष अभियान चलाने की गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी गई थी। थाना स्तर पर थाना प्रभारी शिविर लगाकर लोगों से रूबरू हो रहे हैं और उन्हे एंड्रायड मोबाल के उपयोग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां बता रहे हैं। अब साइबर क्राइम के लिए तैयार किए गए पाठयक्रम भी जानकारी मुख्यालय को प्रेषित करते हुए प्रकाशित पुस्तक को भी भेजा गया है।

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