देश बड़ी ख़बर शिक्षा केन्द्र सरकार ने की शिक्षा नीति 2020 की घोषणा, अब मिलेगी ये नई सुविधाएं Gendlal Shukla July 30, 2020 नईदिल्ली 30 जुलाई । केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए शिक्षा नीति में अहम बदलाव कर दिया है। देश में प्रचलित 34 साल पुरानी शिक्षा नीति में बदलाव करके अब नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी गई हे। इस नीति की सबसे खास बात यह है कि अब 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। इसे शिक्षा जगत में निर्णायक बदलाव माना जा रहा है। कैबिनेट की बैठक के बाद यह ऐलान किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर अब शिक्षा मंत्रालय किया गया है। भारत सरकार के अनुसार, कैबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी। उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 फीसद सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य रखा गया है। इसमें एकाधिक प्रवेश/ निकास का प्रावधान शामिल है।जानिये अब कैसा होगा 10+2 का नया स्वरूपनई शिक्षा नीति में 10+2 के प्रारूप को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है। इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा एक और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12)। इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।उच्च शिक्षा में किए गए ये आवश्यक सुधारउच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि उच्च शिक्षा में कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकैडमिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्त्तता आदि शामिल है। नई शिक्षा नीति और सुधारों के बाद हम 2035 तक 50 फीसद सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त करेंगे।नई शिक्षा नीति में सभी उच्च शिक्षा के लिए एक एकल नियामक गठन किया जाएगा। कई ‘निरीक्षणों’ के स्थान पर अनुमोदन के लिए स्व प्रकटीकरण आधारित पारदर्शी प्रणाली के तहत काम करना शामिल है।क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नेशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा।देश में 45,000 कॉलेज हैं। ग्रेडेड स्वायत्तता के तहत कॉलेजों को शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता दी जाएगी।मल्टिपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी।4साल का डिग्री प्रोग्राम फिर M.A. और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं।बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई प्रस्ताव नई एजुकेशन पॉलिसी में है। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के कम किया जाएगा। इसमें वास्तविक ज्ञान की परख की जाएगी।कक्षा 5 तक मातृभाषा को निर्देशों का माध्यम बनाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में सब चीजों की जानकारी होगी।नए सुधारों में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है। अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहते सभी के लिए नियम समान होगा।नई शिक्षा नीति जानिये एक नज़र में-हर छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी-छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा।-शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने पर जोर-वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा।-नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंगी Spread the word Continue Reading Previous छत्तीसगढ़ में अब रोज दस हजार कोरोना टेस्ट, मुख्यमंत्री बघेल ने की घोषणाNext मुंगेली में 96 लाख के टेंट घोटाले की कोतवाली में शिकायत…क्या सिटी कोतवाली पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हैं..? Related Articles आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ प्रेरणा शिक्षा समीक्षा कमला नेहरु महाविद्यालय में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के लिए स्वागत समारोह आयोजित Gendlal Shukla November 25, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ परीक्षा राजकाज शिक्षा डोंगरी पड़निया और एनसीडीसी बनेंगे बोर्ड के नए परीक्षा केंद्र Gendlal Shukla November 24, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ परीक्षा राजकाज शिक्षा समीक्षा पढाई में कमजोर बच्चों पर विषेष ध्यान देवें षिक्षक- कलेक्टर श्री अजीत वसंत Gendlal Shukla November 24, 2024