KORBA अपराध छत्तीसगढ़ बांकीमोंगरा बांस कटाई का मामला: पी सी सी एफ को भेजी गई फर्जी जांच रिपोर्ट? Gendlal Shukla July 25, 2020 ट्री गार्ड बनाने के लिए बांस की कटाई अवैधबीटगार्ड शेखर रात्रे ने वन अपराध में नहीं दिया अधिकारियों का साथकोरबा 25 जुलाई। छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के प्रान्त अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण कुमार भारती, प्रान्तीय महामंत्री प्रशासन एवं समन्वय के आर डहरिया, प्रदेश सचिव डॉ, अमित मिरी, जिलाध्यक्ष कोरबा के डी पात्रे एवं विकास खंड शाखा अध्यक्ष कटघोरा सुरेन्द्र कुमार खुंटे ने ट्री गार्ड बनाने के लिए बांसों की कटाई को अवैध कहा है। श्री खुंटे ने उप वनमंडल अधिकारी पाली वाई पी डडसेना के द्वारा किए गए जांच को पक्षपातपूर्ण तथा मूल तथ्यों से भटकाने वाला बताते हुए राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अनुसार कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत बाकी क्षेत्र में हल्दीबाड़ी बांसबाड़ी आरएफ 790 में बांसों की कटाई कराई गई थी जिसमें जांच पूर्ण होने की जानकारी मिल रही है। इस कटाई के लिए डीएफओ कटघोरा द्वारा विभागीय अनुमति ली गई थी। इससे पहले डीएफओ कटघोरा ने मीडिया में बयान दिया था कि सूखे तथा टेढ़े बांसों की छंटाई करा रहे थे। फि र बयान बदलकर कहने लगे ट्री गार्ड बनाने के लिए बांस कटाई कराया गया था, कटाई का उद्देश्य चोरी नहीं था। यदि चोरी नहीं था तो कटाई का आदेश बीटगार्ड शेखर सिंह रात्रे को क्यों नहीं दिया गया। शेखर रात्रे को मरवाही क्यों भेजा गया। जांच अधिकारी वाईपी डडसेना उप वनमंडल अधिकारी पाली ने जांच किया। अपनी रिपोर्ट में इन्होंने बताया कि विभागीय अनुमति से बांस की कटाई ट्री गार्ड बनाने के लिए किया गया था। महिला स्व सहायता समूह एवं वन समितियों के द्वारा बांस ट्री गार्ड का निर्माण किया जाना बताया गया है। पीसीसीएफ रायपुर का भी बयान सार्वजनिक हुआ है जिसमे उन्होंने दोनों पक्ष का बयान लेने की बात कही है तथा रेंजर एवं डिप्टी रेंजर को क्लीन चिट देने की बात कही है। मामला अवैध बांस कटाई का है, जिसे वनरक्षक शेखर रात्रे एवं रेंजर मृत्युंजय शर्मा के बीच का विवाद बता वन अपराध एवं घोटाला पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है, और बलि का बकरा बनाया जा रहा है बीटगार्ड शेखर रात्रे को, जिसे उसके इस साहसिक कदम के लिए राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाना चाहिए। अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अनुसार पीसीसीएफ द्वारा भी रेंजर एवं वनरक्षक के बीच का आपसी विवाद बताया जा रहा है क्योंकि उनको जांच अधिकारी द्वारा गलत रिपोर्ट भेजी गई है। यदि बांस की कटाई ट्री गार्ड बनाने के लिए विभागीय अनुमति से हो रही थी तो यह अनुमति किस अधिकारी ने जारी किया था? कितना बांस काटा जाना था? मजदूरों की मजदूरी का भुगतान किस मद से किया जाना था? इस बिंदु पर कोई भी चर्चा नहीं हो रही है? यदि शेखर रात्रे के परिसर क्षेत्र से विभागीय अनुमति से बांस कटाई करनी थी तो बीट गार्ड शेखर रात्रे को मरवाही क्यों भेजा गया था? बीट गार्ड रात्रे को भी तो बांस कटाई का आदेश दिया जा सकता था, परंतु बीट गार्ड रात्रे की अनुपस्थिति में उसके बीट क्षेत्र में बिना उसकी जानकारी के कटाई कराई जा रही थी इस कारण कटाई के जिम्मेदारी शेखर रात्रे की ही है। चाहे स्वयं वन मंडल अधिकारी ही क्यों ना हो? अपने किसी भी परिसर से बिना बीट गार्ड की उपस्थित रहे वनों की कटाई नहीं करा सकते। यह आरक्षित वन है। यहां प्रवेश अवैध होता है। छत्तीसगढ़ वन अधिनियम के तहत जुलाई से अक्टूबर तक वनों की कटाई पर प्रतिबंध रहता है। रेंजर मृत्युंजय शर्मा द्वारा कटघोरा क्षेत्र के बीट गार्ड रामकुमार यादव के नाम से बांस की कटाई करने संबंधी आदेश का वन मंडल अधिकारी कटघोरा एवं जांचअधिकारी ने परीक्षण नहीं किया जाना संदेहास्पद है। बांस से बने ट्री गार्ड को खरीदी करने छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग द्वारा 450 दर निर्धारित किया गया है। बांस ट्री गार्ड का निर्माण कार्य स्थानीय वन समितियों तथा महिला स्व सहायता समूह के द्वारा किया जाना है तथा उन्हीं से 450 की दर से क्रय किया जाना है । शासन द्वारा निर्धारित 20 से 22 फीट के दो बांस से एक ट्री गार्ड बनाने का प्रावधान है, जिसमें बांस की कीमत 220, मजदूरी हेतु100 एवं परिवहन हेतु130 इस तरह से कुल 450 लागत निर्धारित किया गया है। इस कारण वन मंडल अधिकारी कटघोरा एव परिक्षेत्र अधिकारी कटघोरा, परिक्षेत्र सहायक दर्री एवं वनरक्षक कटघोरा रामकुमार यादव द्वारा बांस कटाई किया जाना अवैध है। संघ ने जानना चाहा है कि बांस काटकर किसे दिया जाने वाला था? वन विभाग द्वारा ट्री गार्ड बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। किस कार्य योजना के तहत बांस कटाई कराया जा रहा था? इस प्रश्न का उत्तर छिपाकर बीट गार्ड शेखर रात्रे के व्यवहार उचित है या अनुचित इस पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अपने बीट क्षेत्र में यदि कोई वन कटाई हो रही है तो अपने अधिकारी से वैध कागजात मांगना जायज है। अपने अधिकारी रेंजर से कागजात मांग कर बीटगार्ड शेखर रात्रे ने साहसिक कार्य किया है। वह चुप रहता तो इतनी बडी घटना उजागर नहीं होती। शेखर रात्रे ने लोकतंत्र के सजग प्रहरी का काम किया है। आजकल मोबाइल से भी कागजात भेज दिया जाता है जो मान्य होता है। बीट गार्ड शेखर रात्रे ने एसडीओ वन कटघोरा तथा डीएफओ कटघोरा से भी बात कराने के लिए अपने उच्च अधिकारी रेंजर मृत्युंजय शर्मा से बात की। परंतु उन्होंने किसी भी उच्च अधिकारी से बात नहीं कराया। रेंजर मृत्युंजय शर्मा द्वारा कोई कागजात नहीं दिखाने पर पी ओ आर बनाना, कुल्हाड़ी व बांस जब्त करना वैधानिक कार्यवाही का हिस्सा है। संघ के नेताओं ने कहा है कि 18 जुलाई को वन मंडल अधिकारी कटघोरा द्वारा उपमंडल अधिकारी पाली वाई पी डडसेना को जांच अधिकारी नियुक्त किया। उन्होंने रात्रि में ही जांच कर 19 जुलाई को जांच रिपोर्ट वन मंडल अधिकारी कटघोरा को सौंप दिया। डीएफओ कटघोरा ने तुरंत उच्च अधिकारियों को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिया। श्री डडसेना द्वारा स्थल निरीक्षण नहीं किया गया। बांस काटने वाले 11 अभियुक्तों, पंचनामा में हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों तथा मौके पर उपस्थित पंचों का बयान नहीं लिया। वह घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए बिना किस आधार पर बीट गार्ड रात्रे के व्यवहार को गैर पेशेवर बताया जा रहा है? यह समझ से परे है और जांच का विषय है। बांकी हल्दीबाड़ी बांस बाड़ी 790 कटाई मामला छत्तीसगढ़ वन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला है। अधिनियम अनुसार जुलाई से अक्टूबर माह के मध्य वनों की कटाई करने का प्रतिषेध है। ट्री गार्ड बनाने के लिए वन मंडल अधिकारी या किसी भी उच्च अधिकारी द्वारा बांस कटाई करने का आदेश दिया ही नहीं जा सकता। कूप कटाई के लिए विधिवत कार्य योजना बनाई जाती है। समूचे प्रकरण में वन मंडल अधिकारी कटघोरा की भूमिका उच्चाधिकारियों केजांच का विषय है। Spread the word Continue Reading Previous नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का जुर्म दर्जNext बदलने वाला है बाइक पर बैठने का तरीका, सरकार का नया आदेश Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ प्रेरणा सुरक्षा सेहत आयुर्वेद पर भरोसे ने राहत दिलाई सायटिका पीडित को Gendlal Shukla November 24, 2024 अपराध कानून कोरबा छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार राजकाज जल आवर्धन योजनाः पानी नहीं मिला और कर दिया 07 करोड़ का भुगतान Gendlal Shukla November 24, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ नियुक्ति राजनीति जिले में सांसद का प्रतिनिधित्व करेंगे प्रशांत मिश्रा Gendlal Shukla November 24, 2024